नई दिल्ली:क्रिकेट के मैदान पर आपको स्वस्थ शरीर के साथ-साथ हिम्मत और हौसले की भी जरूरत होती है. लेकिन क्या हो जब क्रिकेट खेलने के लिए आपके पास हिम्मत और हौसला तो हो लेकिन दोनों हाथ ना हो. ऐसे में अक्सर लोगों की हिम्मत और हौसला टूट जाते हैं और वो अंधेरे में गुम हो जाते हैं लेकिन आमिर हुसैन एक ऐसा नाम है, जिन्होंने अपने दोनों हाथ गंवाने के बाद भी हार नहीं मानी और हिम्मत और हौसले के साथ क्रिकेट खेलना जारी रखा. आज वो क्रिकेट के क्षेत्र में एक ऐसा नाम बन गए हैं जिनसे हर कोई प्रेरणा लेना चाहेगा.
आमिक हुसैन हाथों के खेलते हैं क्रिकेट
दरअसल कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा में स्थित वाघामा गांव के रहने वाले 34 वर्षीय आमिर हुसैन दोनों हाथ ना होने के बावजूद क्रिकेट खेलते हैं. आमिर एक दिव्यांग क्रिकेटर हैं. जिन्हें जम्मू-कश्मीर की पैरा क्रिकेट टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हुसैन अपने पैरों से गेंदबाजी करते हैं. इसके साथ ही वो अपनी ठोड़ी और गर्दन के बीच बल्ला फंसाकर बल्लेबाजी करते हैं.