नई दिल्ली :रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के पूर्व कप्तान विराट कोहली का 18 नंबर से खास रिश्ता है. कोहली की जर्सी का नंबर भी 18 है. कोहली अपने जर्सी नंबर को लेकर पहले भी काफी चर्चाओं में रहे हैं. आखिर क्या कारण है कि कोहली का जर्सी नंबर इतना लोकप्रिय है. 18 नंबर से कोहली के कनेक्शन को लेकर काफी चर्चाएं होती रहती हैं. फैंस भी जनना चाहते हैं कि कोहली को यह नंबर इतना क्यों पसंद है. इस नंबर के साथ उनके कई यादगार लम्हे जुड़े हुए हैं. फिर चाहे वह खेल का मैदान हो या फैमिली से जुड़ी यादें.
18 नंबर का कनेक्शन विराट कोहली के साथ हर जगह है. इस नंबर से किंग कोहली के परिवार के इमोशनल पलों से लेकर क्रिकेटर करियर तक खास जुड़ाव रहा है. विराट कोहली ने अपने एक इंटरव्यू में अपनी जर्सी के 18 नंबर पर खुलकर बात की है. उन्होंने इस नंबर से जुड़े कुछ सीक्रेट्स से पर्दा उठाया है. कोहली ने कहा कि हमेशा से ही लोग मेरे जर्सी नंबर को लेकर सवाल करते रहते हैं. कोहली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें विराट खुद 18 नंबर की कहानी विस्तार से बताते हुए नजर आ रहे हैं.
कोहली ने बताई 18 नंबर की कहानी
विराट कोहली ने वीडियो में कहा कि 18 नंबर से उनका खास लगाव है. क्योंकि 18 नंबर कोहली की लाइफ में बहुत महत्व रखता है यह कोई एक रेंडम नंबर की तरह नहीं है. इसके साथ उन्होंने यह बताया आखिर कैसे इस नंबर से कोहली का लगाव शुरू हुआ था. कोहली को जब इंडियन अंडर-19 टीम की जर्सी मिली थी. उस जर्सी पर के पीछे कोहली का नाम और 18 नंबर भी लिखा हुआ था. उस दिन के बाद यह 18 नंबर उनके लिए स्पेशल बनता गया. कोहली ने 18 अगस्त 2008 को अंतर्राष्ट्रीय वनडे क्रिकेट करियर के लिए डेब्यू किया था. यह मैच उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ खेला था. इस तरह तो यह नंबर कोहली के लिए लकी साबित हुआ. लेकिन एक इमोशनल स्टोरी भी 18 नंबर के साथ जड़ी हुई है.
18 दिसंबर 2006 को विराट कोहली के पिताजी का देहांत हो गया था और कोहली के लिए वह सबसे मुश्किल समय था. कोहली उस समय केवल 17 साल के थे. उस दौरान कोहली दिल्ली के फिरोज शाह कोटला स्टेडियम (अरुण जेटली स्टेडियम) में कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी का मैच खेल रहे थे. उस मैच में कोहली जब 40 रनों की पारी खेलकर अपने होटल पहुंचे तो करीब रात 3 बजे उनकी फैमिली ने फोन कॉल से उन्हें पिता की डेथ की जानकारी दी. लेकिन कोहली ने अपने घर जाने की वजह अगले दिन मैदान पर खेलने का फैसला किया. कोहली ने दुख को अपने अंदर छिपाकर 90 रनों की पारी खेलकर अपनी टीम को फॉलोऑन से बचा लिया. इसके बाद वह अपने घर गए और पिता का अंतिम संस्कार किया.
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