नवी मुंबई:लगातार छह हार के बाद बाहर होने की कगार पर पहुंची मुंबई इंडियंस की टीम गुरुवार को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ जीत दर्ज करके इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपनी उम्मीदें बरकरार रखने की कोशिश करेगी. पांच बार की चैम्पियन मुंबई की टीम ने इस सत्र में एक भी मैच नहीं जीता है और गुरुवार को हारने पर वह टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी.
मौजूदा चैंपियन चेन्नई की स्थिति भी अच्छी नहीं है और वह अंकतालिका में सबसे निचले स्थान पर स्थित मुंबई से केवल एक पायदान ऊपर है. उसकी टीम को भी छह मैचों में से पांच में हार का सामना करना पड़ा है और गुरुवार को हार से वह बाहर होने के कगार पर पहुंच जाएगी. मुंबई के लिए सबसे बड़ी चिंता कप्तान रोहित शर्मा की फॉर्म है, जिन्होंने छह मैचों में केवल 114 रन बनाए हैं. मुंबई को अगर लक्ष्य का पीछा करना है या पहले खेलते हुए बड़ा स्कोर बनाना है तो रोहित को बड़ी पारी खेलनी होगी.
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युवा बल्लेबाज ईशान किशन भी अपनी 15.25 करोड़ रुपए की मोटी कीमत को सही साबित नहीं कर पाए हैं. उन्होंने छह मैचों में दो अर्धशतकों की मदद से 191 से अधिक रन बनाए हैं. डेवाल्ड ब्रेविस, तिलक वर्मा और सूर्यकुमार यादव ने कुछ अच्छी पारियां खेली हैं, लेकिन उन्हें मिलकर मध्य क्रम में जिम्मेदारी लेने की जरूरत है. ऑलराउंडर कीरोन पोलार्ड ने भी अब तक निराश किया है, जिनकी मैच विजेता की छवि धूमिल पड़ती जा रही है. वह अब तक हर मैच में नाकाम रहे हैं और उन्होंने सिर्फ 82 रन बनाए हैं. मुंबई के पास कागजों पर अच्छी बल्लेबाजी तो है जो चेन्नई के अपेक्षाकृत कम अनुभवी आक्रमण पर हावी हो सकता है.
मुंबई के लिए बल्लेबाजी से अधिक गेंदबाजी चिंता का विषय है. जसप्रीत बुमराह को छोड़कर उसके अन्य गेंदबाजों ने अब तक लचर प्रदर्शन किया है. टाइमल मिल्स, जयदेव उनादकट, बासिल थम्पी या मुख्य स्पिनर मुरुगन अश्विन को अब अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा. मिल्स ने अपने आखिरी मैच में लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ तीन ओवर में 54 रन लुटाए, जबकि उनादकट और अश्विन ने क्रमशः 32 और 33 रन दिए. मुंबई ने फैबियन एलन को आजमाया, लेकिन वह भी चार ओवर में 46 रन लुटा गए.