हैदराबाद:राशिद खान को क्रिकेट के प्रति प्यार तब शुरू हुआ, जब वह टीवी पर क्रिकेट देखते थे. पहले उन्हें गेंदबाजी करना ज्यादा पसंद नहीं था, लेकिन बल्लेबाजी करना बहुत पसंद था. शुरुआत में उन्हें परिवार वालों की तरफ से अनुमति नहीं थी और दोस्तों के साथ खेलना मुश्किल होता था. लेकिन बाद में वे चुपके से निकल कर खेलते थे. राशिद खान के मुताबिक, उन्हें आज भी उनका पहला गेम याद है, जब वे खेलने गए थे और वे इस दरम्यान घायल हो गए थे. उनके हाथ खून से लथपथ थे.
राशिद के मुताबिक, उन्हें चिंता थी कि जब वह वापस घर जाएंगे तो वे अपने परिवार वालों को क्या बताएंगे. क्योंकि वे राशिद को कभी बाहर खेलने के लिए नहीं जाने देते थे. करीब तीन सप्ताह बीत गए और राशिद किसी को यह नहीं बताए कि उनके हाथ में चोट लगी है. परिवार को उम्मीद थी कि उनका बेटा पढ़ेगा और डॉक्टर बनेगा. फिलहाल, राशिद खान भी यही चाहते थे.
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राशिद खान के भाइयों ने उनका खुलकर समर्थन किया और उन्हें खेलने के सामान दिए. वे घर के पिछले दरवाजे पर खड़े होते थे और उनका भतीजा उन्हें क्रिकेट के सामान लाकर देता था. उन्हें यह सब करना पड़ा, क्योंकि उन्हें खेलने की अनुमति नहीं थी. वे क्रिकेट क्लब में अच्छा प्रदर्शन करना शुरू किए, जिससे उनका चयन घरेलू टीम में हो गया. बाद में उन्हें अंडर-19 के लिए चुना गया, जहां वे अच्छा प्रदर्शन किए.
उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें अफगानिस्तान की टीम में शामिल किया गया. वे शिविर में भाग लिए, लेकिन उन्हें कोई मैच खेलने को नहीं मिला. बाद में उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया, इससे आहत होकर वे क्रिकेट छोड़ना चाहते थे. इन सभी बातों को सुनकर उनके बड़े भाई ने कहा, क्रिकेट छोड़ दो और पढ़ाई पर ध्यान दो. राशिद बताते हैं कि उन्होंने अपनी मां को फोन किया और उनकी मां ने कहा, जाओ और खूब मन लगाकर क्रिकेट खेलो.
घरेलू टूर्नामेंट में सफलता के बाद नेशनल में हुआ चयन
राशिद खान ने घरेलू क्रिकेट में तीन मैचों के दरम्यान 21 विकेट लिए. इस प्रदर्शन से उनको साल 2015 के अंत में नेशनल टीम की तरफ से खेलने का मौका मिला. जब राशिद पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेल रहे थे, तब उनका पूरा परिवार टीवी पर लाइव देख रहा था. उनके अच्छे प्रदर्शन से उनके परिवार वाले भी उनका सपोर्ट करने लगे और उन्हें लग गया कि उनमें प्रतिभा है और इसे आगे बढ़ाना चाहिए. राशिद के मुताबिक, एक क्रिकेटर के जीवन में कई ऐसे पल आते हैं, जो उसके क्रिकेट को पूरी तरह से बदल देते हैं.
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सीपीएल में पहली हैट्रिक
सीपीएल में पहली हैट्रिक लेने से पहले राशिद खान कई मौके गवाएं थे. दो विकेट लेकर वे बड़े चिंतित थे कि तीसरा विकेट कैसे लें. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो विकेट लेने के बाद उन्होंने सोचा कि अगला विकेट कैसे लें और उन्हें लगा कि अगर उन्होंने प्रयास किया तो बल्लेबाज आउट हो सकता है. एक गेंदबाज जब सही जगह पर गेंदबाजी करता है तो यह पता लगा सकता है कि ऐसा होगा.
साल 2016 के टी-20 विश्व कप में राशिद खान का प्रदर्शन वास्तव में अच्छा था, जो उन्होंने भारत के खिलाफ खेला था. वे दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए थे. उस वक्त आकाश चोपड़ा ने राशिद के बारे में ट्वीट किया था, जो उनके पास अभी भी है.
आईपीएल में राशिद का डेब्यू
खान के मुताबिक, साल 2017 में उन्होंने आईपीएल के लिए फॉर्म भरा. नीलामी के दिन सभी खिलाड़ी जिम्बाब्वे में थे. राशिद से पहले इमरान ताहिर अनसोल्ड रहे. ताहिर उस समय नंबर-1 टी-20 गेंदबाज थे. दबाव बहुत ज्यादा था और राशिद यह सोचकर हार मान लिए कि अब उन्हें आईपीएल में नहीं चुना जाएगा. फिलहाल, राशिद के भाई को अब भी विश्वास था कि मुंबई की टीम राशिद को चुन लेगी. फिर राशिद का नाम आया और बोली शुरू हुई.
राशिद के मुताबिक, आईपीएल के लिए चुना जाना, उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा था. राशिद को सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने चार करोड़ में खरीदा था. उस समय अफगानिस्तान से किसी खिलाड़ी का आईपीएल में चुना जाना, अपने आप में बहुत बड़ी बात थी. राशिद सनराइजर्स हैदराबाद की टीम से जुड़े, टीम में वीवीएस लक्ष्मण और मुथैया मुरलीधरन भी थे.
मुरलीधरन ने की प्रशंसा
राशिद ने बताया, उन्हें मुरली सर जैसे अनुभवी व्यक्ति की जरूरत थी, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 800 से ज्यादा विकेट लिए हैं. पहली बार जब राशिद मुरलीधरन को देखे और राशिद नेट्स में गेंदबाजी किए तो मुरली राशिद के पास आए और बोले, कौशल के लिहाज से तुम मुझसे बेहतर हो. मुरली ने राशिद से कहा, मुझे बस शांत और शांत रहने की जरूरत है. मैं जो कुछ भी कर रहा हूं, उसका आनंद लेने की जरूरत है.
बता दें, जब राशिद खान का आईपीएल में डेब्यू हुआ तो यह उनके और देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी. यह उनके जीवन के लिए एक बदलाव का क्षण था. जैसे ही उन्होंने मैदान पर कदम रखा वे चारों ओर देख रहे थे और सोच रहे थे कि यह वही आईपीएल है, जो वे पिछले साल घर पर देख रहे थे. उस वक्त राशिद के कानों ने सुनना बंद कर दिया. वे सोच रहे थे कि मुझे क्या हो गया है. अपना पहला विकेट लेने के बाद राशिद ने आराम किया और सोचा कि अब मैं अपनी गेंदबाजी का आनंद ले सकता हूं.
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सर्वश्रेष्ठ सीरीज, जिसे खेलने में उन्हें मजा आया
राशिद देहरादून में बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज खेल रहे थे. उस खेल की सबसे अच्छी याद यह थी कि मैदान में प्रवेश करते समय स्टेडियम में लगभग 26,000 दर्शकों भीड़ थी. पहली बार उनके पास अफगानिस्तान के खेल के लिए बहुत भीड़ थी. वे सभी राशिद खान को देखने आए थे, क्योंकि उन्होंने आईपीएल खेला था. वे अफगानिस्तान टीम का समर्थन कर रहे थे, जब राशिद प्रवेश किए तो एक अलग एहसास था और पूरी भीड़ राशिद के लिए जयकार कर रही थी. वहां खेल गए तीन मैच उनके लिए यादगार हैं.
साल 2021 में टी-20 विश्व कप में बाबर आजम के लिए राशिद खान का जादू फिर से देखने लायक था. गुगली की एक सीरीज, जिसमें बाबर के डीआरएस लेने के बाद एलबीडब्ल्यू का फैसला भी शामिल था. उसके बाद दो बड़े लेग-ब्रेक ने उन्हें हिलाकर रख दिया. अगले ओवर में, इस तरह के एक और लेग-ब्रेक ने मौका दिया. अंत में अपने आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर बाबर, जो उस टूर्नामेंट में सबसे अधिक संयमित थे. वह एक बड़े स्लॉग-स्वीप के लिए गए लेकिन धीमी गुगली से चूक गए और बोल्ड हो गए.
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बॉलिंग और बैटिंग में राशिद के इनोवेशन
राशिद ने अपनी कला की आत्मा को बदल दिया. पूरे इतिहास में आकाश की ओर मुंह करने वाली हथेली का मतलब गुगली होता था. गेंदबाजों ने पारंपरिक रूप से हाई-आर्म एक्शन के साथ गुगली फेंकी. राशिद ने अपने घुटनों को गिरा दिया, हाथ नीचे कर दिया और बल्लेबाजों को और अधिक परेशान करने के लिए इसे बाहर कर दिया. यहां तक कि एक अच्छे बल्लेबाज के रूप में बटलर ने उन्हें पिच से बाहर खेलने के लिए चुना.
एबी डिविलियर्स के बाद की दुनिया में अगर कोई एक बल्लेबाज है जो अभी भी एक नए शॉट के साथ आने का प्रबंधन करता है, तो वह राशिद खान हैं. एक शॉर्ट-आर्म जैब हैं, जो वह लेंथ डिलीवरी के लिए खेलते हैं.
सफलता के लिए राशिद का सिद्धांत
किसी और की नकल करने की कोशिश करने के बजाय हमेशा अपनी प्राकृतिक प्रतिभा को सुधारने का प्रयास करें. हमेशा वही रहो, जो तुम हो. यह मत सोचो कि तुम्हें कुछ अलग होना चाहिए. उसका ज्ञान प्राप्त करो, उसका अनुभव प्राप्त करो. लेकिन आपको अपने कौशल में सुधार लाना होगा. हमेशा सीखते रहना चाहिए, अपने लक्ष्य पर फोकस करते रहना चाहिए. अपने आप पर विश्वास रखें और शानदार गेंदबाजी करें तो सब कुछ आपको सरल लगने लगेगा.