नई दिल्ली:इनसाइड स्पोर्ट की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई इस साल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 के स्पॉन्सरशिप से 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई करेगा. यह आईपीएल के 15 सीजनों में अब तक बीसीसीआई द्वारा अर्जित रिकॉर्ड प्रायोजन राजस्व होगा. बीसीसीआई ने इस साल टाटा के रूप में एक नए शीर्षक प्रायोजक और दो नए सहयोगी प्रायोजकों के साथ करार किए हैं.
आईपीएल जीसी ने हाल ही में रुपे और स्विगी के साथ आईपीएल के केंद्रीय प्रायोजकों के रूप में नए सौदों की घोषणा की. रिपोर्ट में कहा गया है कि बोर्ड ने पहली बार सीजन के लिए सभी नौ प्रायोजन स्लॉट भरे हैं. बीसीसीआई के लिए दो स्रोतों से बड़ी बढ़ोतरी आ रही है. सबसे पहले इस साल प्रायोजकों की संख्या में इजाफा हुआ है. इनसाइड स्पोर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, रुपे और स्विगी के साथ सालाना 48-50 करोड़ रुपए का सौदा है.
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बीसीसीआई को दूसरा फायदा टाइटल स्पॉन्सरशिप डील से मिल रहा है. हालांकि टाटा समूह 335 करोड़ रुपए का भुगतान कर रहा है, जो कि वीवो के भुगतान से कम है, लेकिन फिर भी बीसीसीआई लगभग 30-40 प्रतिशत अधिक कमाएगा. सूत्रों के मुताबिक डील को इस तरह ट्रांसफर किया गया है कि सभी घाटे को वीवो वहन करेगी.
सूत्रों ने इनसाइडस्पोर्ट को बताया कि बीसीसीआई को न केवल वीवो से अनुबंधित राशि मिलेगी, बल्कि आईपीएल 2022 और आईपीएल 2023 के मैचों की संख्या में वृद्धि के अनुपात में भुगतान भी मिलेगा. विवो ने आगामी दो सत्रों के दौरान मैचों की संख्या में वृद्धि के कारण आईपीएल 2022 के लिए 484 करोड़ रुपए और आईपीएल 2023 के लिए 512 करोड़ रुपए का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की थी.