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बल्लेबाजों की लंबी कतार देखकर गेंदबाज बन बैठे देशपांडे - दिल्ली कैपिटल्स

मुंबई के तेज गेंदबाज तुषार देशपांडे अपने करियर के शुरू में बल्लेबाज बनने के इरादे से शिवाजी पार्क जिमखाना गये थे लेकिन बल्लेबाजी के लिए लंबी कतार देखकर वो गेंदबाजों की कतार में खड़े हो गये और अब उन्हें अपने उस फैसले पर कोई मलाल नहीं है.

Tushar Deshpande
Tushar Deshpande

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Published : Oct 15, 2020, 2:58 PM IST

मुंबई: 25 वर्षीय गेंदबाज तुषार देशपांडे ने बुधवार की रात को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच में विषम पलों में शानदार गेंदबाजी करके दिल्ली कैपिटल्स को राजस्थान रॉयल्स पर 13 रन से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.

देशपांडे ने कहा, ''ये 2007 की बात है जब मैं तीन चार लड़कों के साथ कल्याण से शिवाजी पार्क जिमखाना में चयन के लिये गया था. बल्लेबाजों की लंबी कतार थी. उसमें 40-45 खिलाड़ी थे और 20-25 बल्लेबाज पैड पहनकर तैयार थे.''

तुषार देशपांडे

उन्होंने एक चैट शो में कहा, ''गेंदबाजों की कतार में केवल 15-20 खिलाड़ी थे. दोपहर बाद तीन बजकर 30 मिनट का समय था और चयन छह से छह बजकर 30 मिनट तक ही होना था.'' देशपांडे ने कहा, ''मुझे लगा कि बल्लेबाजी के लिये लंबी कतार है और मुझे मौका नहीं मिलेगा लेकिन इसके साथ ही मैं खाली हाथ नहीं लौटना चाहता था और इसलिए मैं गेंदबाजों की कतार में खड़ा हो गया.''

इस तेज गेंदबाज आईपीएल के अपने पदार्पण मैच में 37 रन देकर दो विकेट लिए. अपने चयन ट्रायल की बात करते हुए देशपांडे ने आगे कहा, ''उस समय तक किसी ने यह नहीं कहा था कि मैं एक औसत लड़के की तुलना में अधिक तेजी से गेंद करता हूं. गेंदबाजों की कतार तेजी से आगे बढ़ रही थी और जब मेरी बारी आयी तो मुझे सौभाग्य से नयीं गेंद मिल गयी.''

तुषार देशपांडे

उन्होंने कहा, ''मैंने अपना रन अप तय किया और गेंद डाली. यह बहुत अच्छी आउटस्विंग थी और टप्पा खाने के बाद बड़ी तेजी से आगे गयी. पैडी सर (पदमाकर शिवालकर) ने कहा, ''बहुत अच्छी गेंद की, फिर से ऐसी गेंद करो.'' देशपांडे ने कहा, ''मुझे यह भी पता नहीं था कि वो कौन है लेकिन मैंने फिर से गेंद की. मैंने छह-सात गेंदें की और मुझे चुन लिया गया.''

देशपांडे बचपन से ही दिल्ली कैपिटल्स के अपने कप्तान श्रेयस अय्यर के साथ शिवाजी पार्क जिमखाना में अभ्यास करते रहे हैं. उन्होंने कहा, ''दूसरे ओर तीसरे दिन भी यही प्रक्रिया अपनायी गयी. पैडी सर और संदेश कावले सर ने मेरा मनोबल बढ़ाया और मैंने जिमखाना से खेलने का फैसला किया और इस तरह से तेज गेंदबाज बन गया.''

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