मुंबई:अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने हाल ही में संपन्न टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों से एकतरफा हटने पर उत्तर कोरिया को निलंबित कर दिया है और आरोप लगाया कि इसने अफगानिस्तान से ओलंपिक समुदाय के लगभग 100 सदस्यों को मानवीय वीजा पर तालिबान नियंत्रित देश छोड़ने में मदद की है.
आईओसी अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों की खेलों में भागीदारी के संबंध में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और ओलंपिक चार्टर के अनुसार इस मुद्दे पर फैसला करेगी.
उत्तर कोरिया की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी) को ओलंपिक आंदोलन से 2022 के अंत तक निलंबित करने का निर्णय टोक्यो ओलंपिक खेलों के बाद आईओसी की पहली कार्यकारी बोर्ड की बैठक में लिया गया था.
IOC के अध्यक्ष थॉमस बाख ने ईबी बैठक के बाद एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, "निर्णय के अनुसार, देश को कोई भी मौद्रिक सहायता प्राप्त नहीं होगी, जो कि अतीत से अर्जित की गई थी, जिसे अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण रोक दिया गया था. आईओसी उत्तर कोरिया के खिलाड़ियों के भाग्य पर फैसला करेगा, लेकिन कहा कि इस फैसले से एथलीटों को नुकसान नहीं होगा."
उन्होंने कहा, "आईओसी से अर्जित वित्तीय सहायता, जिसे पीआरके एनओसी को आवंटित किया जाना था, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण रोक दिया गया था, निश्चित रूप से जब्त कर लिया जाएगा, ये देखते हुए कि पीआरके एनओसी ने टोक्यो ओलंपिक खेल 2020 की सफलता में योगदान नहीं दिया है."
आईओसी अध्यक्ष ने कहा, पीआरके एनओसी निलंबन की अवधि के दौरान आईओसी से किसी भी सहायता या कार्यक्रम का लाभ लेने का हकदार नहीं होगा.
बाख ने कहा कि आईओसी अफगानिस्तान में स्थिति की बारीकी से निगरानी करना जारी रखेगी और ओलंपिक चार्टर के नियमों के अनुसार तालिबान के महिलाओं और लड़कियों द्वारा खेलों में भाग लेने की अनुमति नहीं देने पर उचित फैसला लेगी.