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निदहास फाइनल में अपने से पहले शंकर को बैटिंग के लिए भेजे जाने से गुस्से में थे कार्तिक

दिनेश कार्तिक ने कहा, "जीवन में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब आप ऊपर आते हैं और कुछ खास करते हैं. मेरे लिए यह वह अवसर था, जहां मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था. मेरे पास एक मौका था, जब मैं पूरी तरह से खुलकर खेल सकता था."

Nidahas Trophy
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Published : Oct 15, 2020, 3:38 PM IST

नई दिल्ली: साल 2018 में भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया निदहास ट्रॉफी का फाइनल भला कौन भूल सकता है. फाइनल में दिनेश कार्तिक उस समय बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे थे जब भारत 133 रन पर अपने पांच विकेट गंवा चुका था और अंतिम दो ओवरों में जीत के लिए 34 रनों की दरकार थी और दबाव पूरी तरह से भारत पर था.

19वें ओवर में रूबैल हुसैन की गेंदबाजी पर 22 रन बटोरकर कार्तिक ने शानदार काम किया था. भारत को जीत के लिए अंतिम गेंद पर पांच रन बनाने थे और कार्तिक ने एक्सट्रा कवर के ऊपर से छक्का लगाकर भारत की जीत पक्की की थी.

दिनेश कार्तिक

हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान बातचीत में दिनेश कार्तिक ने कहा, "मैं इसे लेकर पूरी तरह से आश्वस्त था कि मैं नंबर-6 पर बल्लेबाजी करने के जाऊंगा. और मैं बचे हुए गेंदों और तथा रनों के बीच के फासले को देख सकता था."

कार्तिक ने आगे कहा, "जब चौथा विकेट गिरा तो मैं बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरने के लिए तैयार था. लेकिन तभी रोहित ने कहा कि विजय शंकर को बल्लेबाजी के लिए जाना चाहिए. इसलिए उस समय मैं काफी निराश और गुस्से में था. लेकिन जाहिर है कि आप कप्तान से सवाल नहीं कर सकते. मैं इसे लेकर निश्चित था कि रोहित के दिमाग में जरूर कुछ चल रहा था. आखिरकार मैं नंबर-7 पर बल्लेबाजी के लिए उतरा."

35 साल के कार्तिक ने उस समय अपने दिमााग में चल रही बातों को भी याद किया जब भारत को 12 गेंदों पर 34 रनों की जरूरत थी.

दिनेश कार्तिक

उन्होंने कहा, "जीवन में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब आप ऊपर आते हैं और कुछ खास करते हैं. मेरे लिए यह वह अवसर था, जहां मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था. मेरे पास एक मौका था, जब मैं पूरी तरह से खुलकर खेल सकता था."

कार्तिक ने कहा, "मैंने हमेशा ऐसी स्थिति में अभ्यास किया था, जहां एक ओवर में 12 या दो ओवर में 20 रन चाहिए था. लेकिन मुझे नहीं लगता है कि मैंने कभी ऐसी स्थिति का सामना किया था, जहां हमें दो ओवर में 34 रन की जरूरत थी. जब मैंने मैदान पर कदम रखा तो मैं जानता था कि मैं शॉट खेल सकता हूं और उस दिन इसे अच्छे से लागू कर सकता हूं."

भारतीय क्रिकेट टीम

बताते चलें कि कार्तिक ने फाइनल में मात्र आठ गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 29 रनों की आतिशी पारी खेली थी. अपनी पारी में उन्होंने दो चौके और तीन छक्के भी लगाए थे. इस पारी के दौरान उनका स्ट्राइक रेट 362.50 का रहा था. भारत चार विकेट से निदहास ट्रॉफी जीतने में सफल हुआ था.

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