नई दिल्ली:भारत और पाकिस्तान के बीच पिछली द्विपक्षीय सीरीज से भुवनेश्वर कुमार के पदार्पण को एक दशक हो चुका है लेकिन यह कल की ही बात लगती है. भारत को अभी भी ‘डैथ ओवरों’ के गेंदबाज की तलाश है. भुवनेश्वर के अंतरराष्ट्रीय करियर की दूसरी ही दनदनाती गेंद से सलामी बल्लेबाज नासिर जमशेद को परेशान किया और फिर उनके स्टंप उखाड़ दिए थे. लेकिन पिछले दो सालों में वह इस तरह की गेंद नहीं फेंक पाए है. वह कुछ अच्छे ‘स्पैल’ डालते हैं लेकिन अच्छी टीमों के खिलाफ यह करिश्मा या ‘एक्स फैक्टर’ दिखना बंद हो गया है.
उन्होंने 78 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं जिसमें उनका इकोनोमी रेट 7.02 ठीक ही लगता है लेकिन वह ‘डेथ ओवरों’ (अंतिम ओवरों) की जिम्मेदारी संभालने में इतने सफल नहीं रहे हैं. भुवनेश्वर ने 2021 के बाद से भारत के लिए 23 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं लेकिन उन्हें केवल 15 विकेट ही मिले हैं. चिंता सिर्फ इतनी ही नहीं है बल्कि सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उन्होंने अंतिम ओवरों (17वें से 20वें ओवर के बीच) में 159 गेंद फेंकी है जिसमें उन्होंने 10.03 के इकोनोमी रेट से 266 रन लुटाए हैं. उन्होंने 23 अतिरिक्त रन दिए हैं लेकिन इन 23 पारियों में उनके खिलाफ 20 चौके और 12 छक्के लगे हैं.
ये आंकड़े संतोषजनक कतई नहीं हैं, बल्कि डराने वाले हैं क्योंकि टी20 विश्व कप में वह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ होंगे और इसमें टीम प्रबंधन अब भी मोहम्मद शमी के फिट होने के संबंध में निश्चित नहीं है. साल 2007 विश्व कप टीम के सदस्य रह चुके हरभजन सिंह को लगता है कि मौजूदा फॉर्म और कौशल को देखते हुए दीपक चाहर को भुवनेश्वर पर तरजीह दी जानी चाहिए. वह मानते हैं कि टीम में दोनों को साथ रखने से आक्रमण थोड़ा ‘एकतरफा’ दिखेगा. बल्कि हरभजन ने विश्व कप से पहले प्रत्येक गेंदबाज का विश्लेषण किया.
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जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति से भारतीय आक्रमण इतना प्रभावी नहीं होगा, इस पर उन्होंने कहा, जस्सी (बुमराह) एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं जो अपनी ‘ब्लॉकहोल’ गेदों में सटीकता की वजह से ‘पिच के फायदे-नुकसान’ के समीकरण को बाहर कर सकता है. यॉर्कर डालने के लिए आपको ऐसा कौशल चाहिए होता है जिसका पिच से कोई लेना देना नहीं होता. उन्होंने कहा, हां, जस्सी की गेंद ‘हिट’ भी होती हैं लेकिन ऐसा 10 गेंद में से शायद दो बार ही होता है. इसलिए वह खास है.
कोविड-19 संक्रमण के बाद शमी के उबरने पर निगरानी रखी जा रही है, और हरभजन को लगता है कि चाहर की पैनी गेंदबाजी से ही भारत को शुरू में विकेट मिल सकते हैं. उन्होंने कहा, दीपक चाहर एकमात्र गेंदबाज हैं जो गेंद को ‘अप फ्रंट’ और दोनों तरीकों से स्विंग करा सकता है और पावरप्ले में दो-तीन विकेट दिला सकता है.