लंदन: महिला क्रिकेट में तेज गेंदबाजी का पर्याय बन चुकी झूलन गोस्वामी शनिवार को जब लॉर्ड्स में अपने करियर का आखिरी मैच खेलने उतरेंगी. भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय क्रिकेट श्रृंखला में 3-0 से क्लीन स्वीप करके अपनी इस दिग्गज खिलाड़ी को यादगार विदाई देने का प्रयास करेगी. लॉर्ड्स में क्रिकेट खेलना किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है. इस मैदान पर शतक जड़ना या पांच विकेट लेना बड़ी उपलब्धि मानी जाती है. बहुत कम खिलाड़ियों को इस ऐतिहासिक मैदान पर अपने क्रिकेट करियर को अलविदा कहने का मौका मिलता है.
सुनील गावस्कर (हालांकि उन्होंने अपना आखिरी प्रथम श्रेणी मैच यहां खेला था) को यह मौका नहीं मिला. सचिन तेंदुलकर हो या ब्रायन लारा या फिर ग्लेन मैकग्रा किसी को भी लॉर्ड्स में अपना अंतिम मैच खेलने का मौका नहीं मिला. यहां तक की लगभग 20 वर्षों तक झूलन की साथी रही मिताली राज को भी क्रिकेट मैदान पर अपने करियर को अलविदा कहने का अवसर नहीं मिला. भाग्य चक्र देखिए कि गोस्वामी अपना आखिरी मैच लॉर्ड्स में खेलने जा रही है.
भारत पहले ही तीन मैचों की श्रृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर चुका है, लेकिन हरमनप्रीत कौर और उनके साथी क्लीन स्वीप करके झूलन को यादगार विदाई देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो मैचों में खेल के हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन किया. वह अपनी इस लय को बरकरार रखने की कोशिश करेगा. भारत के लिए सबसे बड़ी फायदे की बात यह रही कि कप्तान हरमनप्रीत अपनी पुरानी लय में लौट चुकी हैं.
उन्होंने पहले दो मैचों में नाबाद 74 और नाबाद 143 रन की पारियां खेली. भारत के लिए हालांकि शेफाली की फॉर्म चिंता का विषय है जो पिछले कुछ समय से रन बनाने के लिए जूझ रही है. हरलीन देओल ने मध्यक्रम में अपनी जगह पक्की कर ली है. झूलन के संन्यास लेने के बाद तेज गेंदबाजों मेघना सिंह, रेणुका ठाकुर और पूजा वस्त्राकर को अपने खेल में अधिक निखार लाना होगा. जहां तक इंग्लैंड का सवाल है तो कप्तान हीथर नाइट (चोट के कारण) और स्टार ऑलराउंडर नट साइवर (मानसिक स्वास्थ्य कारणों से) की उसे बहुत कमी खल रही है तथा इससे टीम का संतुलन भी गड़बड़ा गया है.
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