रोसीयू (डोमिनिका) :भारतीय टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ बुधवार से शुरू हो रही दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के जरिये बदलाव के दौर की शुरूआत करेगी तो फोकस युवा यशस्वी जायसवाल पर रहेगा. मेजबान वेस्टइंडीज के लिये विश्व कप क्वालीफायर में मिली हार के जख्म अभी ताजा हैं और वह भारत जैसी मजबूत टीम को हराकर विश्व क्रिकेट में अपना अस्तित्व बनाये रखने की कोशिश में होगा.
चेतेश्वर पुजारा को बाहर किये जाने के बाद भारतीय शीर्षक्रम में एक जगह खाली हुई है. उम्मीद की जा रही है कि मुंबई का बेहद प्रतिभाशाली बल्लेबाज जायसवाल उस कमी को पूरा करेगा और प्रथम श्रेणी क्रिकेट के शानदार फॉर्म को यहां जारी रख पायेगा. वैसे सीधा हल तो उसे तीसरे नंबर पर उतारना होगा लेकिन शुभमन गिल स्वाभाविक तौर पर मध्यक्रम का बल्लेबाज है. जायसवाल मुंबई, पश्चिम क्षेत्र और शेष भारत के लिये पारी की शुरूआत करता आया है. शीर्षक्रम पर उतरना उसके लिये मुश्किल नहीं होगा.
इस साल के आखिर में दक्षिण अफ्रीका के दौरे से पहले उसके लिये अनुभवी केमार रोच, शेनोन गैब्रियल, अलजारी जोसफ और जैसन होल्डर जैसे गेंदबाजों को खेलना अच्छा अनुभव होगा. भारत का नया विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र पिछले दो चक्रों की तुलना में कठिन होगा. पिछले दो सत्र में भारतीय टीम बेहतरीन तेज गेंदबाजी और सधे हुए बल्लेबाजी क्रम के दम पर फाइनल में पहुंची थी.
अब प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह लंबे समय से चोटिल हैं जबकि मोहम्मद शमी को इस श्रृंखला के लिये आराम दिया गया है. भारतीय टीम के आक्रमण में धार की कमी दिख रही है. ईशांत शर्मा पिछले दो चक्र खेले हैं लेकिन इस बार कमेंट्री करेंगे जबकि 36 वर्ष के उमेश यादव का हैमस्ट्रिंग चोट के बाद वापसी कर पाना मुश्किल है.
ऐसे में 19 वर्ष के मोहम्मद सिराज तेज आक्रमण की अगुवाई करेंगे जिनका साथ देने के लिये नौ टेस्ट का अनुभव रखने वाले शार्दुल ठाकुर होंगे. ऐसे में एक बार फिर दारोमदार रविचंद्रन अश्विन (474 विकेट) और रविंद्र जडेजा ( 268) की स्पिन जोड़ी पर रहेगा. इन चारों का चयन तो तय है लेकिन मुकेश कुमार, जयदेव उनादकट और नवदीप सैनी में से एक को चुनना आसान नहीं होगा. विकेटकीपर के तौर पर कोना भरत पर ईशान किशन को तरजीह दिये जाने की उम्मीद है जिन्होंने अपनी बल्लेबाजी से भी खुद को साबित किया है.
विंडसर पार्क पर छह साल बाद टेस्ट मैच होने जा रहा है और इसी प्रारूप में पिछले कुछ साल में कैरेबियाई टीम अच्छा खेल पाई है. ऐसे में यह सोचना मूर्खता होगी कि विश्व कप क्वालीफायर का असर टेस्ट में उनके प्रदर्शन पर पड़ेगा. उनके पास रोच (261 विकेट) और गैब्रियल (164 विकेट) जैसे अनुभवी तेज गेंदबाज हैं. गैब्रियल सफेद गेंद का क्रिकेट नहीं खेलते हैं.