नई दिल्ली :भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने लखनऊ में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टी20 मैच के बाद युवा खिलाड़ियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि एक टर्निंग ट्रैक पर बल्लेबाज को स्पिन गेंदबाजों को खेल पाना काफी कठिन दिख रहा था. उसके कारण दोनों टीमों में डॉट-बॉल का प्रतिशत बढ़ गया. एक ऐसे ट्रैक पर जहां कुल 39.5 ओवर में सिर्फ 203 रन बने और पूरे मैच में एक भी छक्का नहीं लगा, जिससे सबक लेने की जरूरत है. ऐसी स्थिति में स्ट्राइक रोटेशन खेल का एक महत्वपूर्ण अंग बन जाता है.
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा कि मैच में जब बड़े शॉट न लगते हों तो स्ट्राइक रोटेशन एक महत्वपूर्ण पहलू है और युवा खिलाड़ियों को जल्दी से इसे सीखने की जरूरत है. सलामी बल्लेबाज ईशान किशन की सबसे अधिक आलोचना की गई क्योंकि वह नियमित रूप से स्ट्राइक रोटेट करने में असमर्थ देखे गए. इसीलिए उनके दोहरा शतक लगाने के बाद चल रहे खराब फॉर्म की आलोचना की जा रही है.
गौतम गंभीर ने कहा कि हर गेंद पर बाउंड्री नहीं आ सकती है. ऑफ स्पिनर माइकल ब्रेसवेल को दूसरे मैच में किशन को आउट करने का जिक्र करते हुए कहा कि स्ट्राइक रोटेट करने से बल्लेबाजों पर प्रेशर कम होता है. स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम में गंभीर ने कहा कि युवा खिलाड़ियों को जल्दी से सीखना होगा कि स्ट्राइक रोटेट कैसे करनी चाहिए, क्योंकि इस तरह के विकेट पर मैदान में उतरने के बाद हर समय चौके और बड़े छक्के मारना आसान नहीं होगा. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो ईशान किशन का स्थान खतरे में पड़ सकता है.