चटगांव : खिलाड़ियों की चोटों और फिटनेस समस्याओं से परेशान भारतीय टीम शनिवार को बांग्लादेश ((India VS Bangladesh) के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे में उतरेगी तो उसका लक्ष्य मेजबान टीम को ‘क्लीन स्वीप’ से रोकने का होगा.
मेहदी हसन मिराज की दो शानदार पारियों के दम पर बांग्लादेश पहले दो मैच और सीरीज जीत चुका है लेकिन अब उसका इरादा भारत का सूपड़ा साफ करने का होगा और अगर ऐसा होता है तो बांग्लादेश क्रिकेट के लिए यह ऐतिहासिक होगा.
इससे 14 दिसंबर से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज से पहले बांग्लादेश का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा. भारत के लिए इस सीरीज में 20 क्रिकेटर उपलब्ध थे क्योंकि बांग्लादेश में पहले वनडे और न्यूजीलैंड में आखिरी मैच के बीच कम समय था क्योंकि दोनों टीमों में कुछ खिलाड़ी समान थे. एक सप्ताह के भीतर हालांकि हालात बद से बदतर हो गए और आखिरी मैच के लिए सिर्फ 14 फिट खिलाड़ी उपलब्ध हैं.
हालात यह है कि कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को तुरंत यहां बुलाना पड़ा क्योंकि भारतीय गेंदबाजी आक्रमण अनुभवहीन लग रहा था. कुलदीप ने 72 वनडे में 118 विकेट लिए हैं और वह इस टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज हैं.
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नियमित कप्तान रोहित शर्मा के बायें हाथ के अंगूठे की हड्डी खिसक गई है और उदीयमान तेज गेंदबाज कुलदीप सेन को पहला मैच खेलने के बाद चोट लग गई. तेज गेंदबाज दीपक चाहर एक बार फिर अनफिट हो गए हैं. अक्षर पटेल की पसली में चोट लग गई है और वह पहला मैच नहीं खेल सके जबकि ऋषभ पंत भी चोटिल हैं और उन्हें आराम देना पड़ा था.
अब देखना यह है कि कार्यवाहक कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल पारी की शुरूआत करते हैं या ईशान किशन को अंतिम एकादश में सलामी बल्लेबाज के तौर पर शामिल किया जाता है. दूसरा विकल्प विराट कोहली और शिखर धवन से पारी की शुरूआत कराना और हरफनमौला राहुल त्रिपाठी को अंतिम एकादश में शामिल करना होगा. टीम प्रबंधन अगर सिर्फ बल्लेबाज को चुनता है तो रजत पाटीदार को पदार्पण का मौका मिल सकता है.