नागपुर :भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज 9 फरवरी से शुरू होने जा रही है. टेस्ट सीरीज में लोगों का ध्यान रोहित शर्मा की कप्तानी के साथ व्यक्तिगत परफार्मेंस पर भी होगा. इस दौरान रोहित शर्मा के पास टीम इंडिया को टेस्ट क्रिकेट में नंबर वन बनाने के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से ही अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश होगी. अगर रोहित ऐसा करने में सफल होते हैं टीम इंडिया तीनों प्रारूपों में नंबर 1 टीम बन जाएगी.
आपको बता दें कि टीम इंडिया ने पिछले 11 साल में कोई भी टेस्ट सीरीज अपने घर में नहीं हारी है और इसीलिए एक और सीरीज जीतने का भारतीय टीम पर दबाव है, हालांकि ऑस्ट्रेलिया की टीम यहां सीरीज जीतने के लिए अलग अलग तरीके से तैयारी कर रही है. स्पिन पिचों पर प्रैक्टिस के साथ-साथ 'अश्विन' जैसे स्पिन गेंदबाज को लेकर प्रैक्टिस कर रही है.
तीन सीरीज से कायम है दबदबा
आपको याद होगा कि इंग्लैंड ने 2012 में आखिरी बार भारत को 2-1 से हराकर टेस्ट सीरीज जीती थी. इसके बाद से इंडिया में टेस्ट मैच खेलने आई कोई भी टीम भारत को हरा नहीं पाई है. वहीं अगर ऑस्ट्रेलिया टीम की बात करें तो पिछले 19 सालों से ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत की धरती पर कोई भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी है. इतना ही नहीं अंतिम तीन सीरीज में भारत ने अपना दबदबा कायम रखा है और लगातार चौथी सीरीज जीतकर ऑस्ट्रेलिया को उसी के अंदाज में जवाब देना चाहता है.
रोहित शर्मा पर होगा दबाव
अगर रोहित शर्मा की बात की जाए तो रोहित शर्मा ने टेस्ट मैचों में अब तक कुल 8 शतक जड़े हैं, जिसमें से 7 शतक घरेलू पिचों पर ही लगाए गए हैं. अगर पिछले डेढ़ साल के आंकड़ों को देखा जाए तो पिछले 16 महीनों में रोहित शर्मा एक भी टेस्ट शतक नहीं लगा पाए हैं. रोहित शर्मा का पिछला शतक ओवल में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान सितंबर 2021 में आया था. यह शतक उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए लगाया था. टी-20 विश्वकप के सेमीफाइनल में हारने के बाद से टी20 मैचों की कप्तानी रोहित की जगह हार्दिक पांड्या को दे दी गयी है. वहीं रोहित शर्मा अभी टेस्ट व वन डे टीम के नियमित कप्तान बने हैं, लेकिन अगर टेस्ट मैचों में उनका व्यक्ति प्रदर्शन नहीं सुधरा और 4 टेस्ट मैचों की सीरीज का परिणाम आशा के अनुरूप नहीं आए तो टेस्ट मैचों में उनकी कप्तानी पर खतरा मंडरा सकता है.