नई दिल्ली: कोच रवि शास्त्री की ड्रेसिंग रूम में दी गई 'दृढ़ता और प्रतिबद्धता' की सीख ने युवा वॉशिंगटन सुंदर के लिए टॉनिक का काम किया जो किसी भी तरह की चुनौती के लिए तैयार हैं जिसमें टेस्ट मैचों में भारत के लिए पारी का आगाज करना भी शामिल है.
इक्कीस वर्षीय वॉशिंगटन भारत अंडर-19 के दिनों में शीर्ष क्रम के विशेषज्ञ बल्लेबाज थे लेकिन उन्होंने अपनी ऑफ स्पिन को निखारा और भारतीय टी20 टीम में जगह बनाई.
ब्रिस्बेन में भारतीय जीत में अहम भूमिका निभाने वाले वॉशिंगटन ने चेन्नई से अपने आवास से एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, ''अगर मुझे कभी भारत की तरफ से टेस्ट मैचों में पारी का आगाज करने का मौका मिलता है तो यह मेरे लिए वरदान होगा. मुझे लगता है कि मैं उसी तरह इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करूंगा जैसे हमारे कोच रवि सर ने अपने खेल के दिनों में किया था.''
वॉशिंगटन ने गाबा में पहली पारी में 62 रन बनाकर भारत को मैच में बनाए रखा और फिर दूसरी पारी में 22 रन की तेजतर्रार पारी खेली जिसमें पैट कमिन्स पर लगाया गया छक्का भी शामिल है. इसके अलावा उन्होंने चार विकेट भी लिए.
उन्होंने कहा, ''रवि सर ने हमें खेल के अपने दिनों की प्रेरणादायी बातें बताई. जैसे कि कैसे उन्होंने विशेषज्ञ स्पिनर के तौर पर पदार्पण किया तथा चार विकेट लिए और न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मैच में दसवें नंबर पर बल्लेबाजी की.''
वॉशिंगटन ने कहा, ''और वहां से वह कैसे टेस्ट सलामी बल्लेबाज बने और उन्होंने कैसे अपने जमाने के सभी शीर्ष तेज गेंदबाजों का सामना किया. मैं भी उनकी तरह टेस्ट मैचों में पारी की शुरुआत करना पसंद करूंगा.''
उनका मानना है कि टेस्ट टीम में आए किसी युवा खिलाड़ी के लिए किसी बाहरी खिलाड़ी से प्रेरणा लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय ड्रेसिंग रूम में ही कई आदर्श खिलाड़ी हैं.