हरारे:भारतीय टीम शनिवार को जब जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सीरीज के दूसरे मैच में उतरेगी तो उसकी पूरी कोशिश होगी कि वह मुकाबला जीत कर सीरीज अपने नाम कर ले. अगर टीम इंडिया सीरीज जीत जाती है तो यह जिम्बाब्वे के खिलाफ लगातार सातवीं सीरीज जीत होगी. जिम्बाब्वे ने टीम इंडिया के खिलाफ वनडे सीरीज में आखिरी बार फरवरी 1997 में जीत दर्ज की थी. उसके बाद छह वनडे सीरीज खेले गए जिसमें जिम्बाब्वे को लगातार हार का सामना करना पड़ा. भारत तीन मैचों की वनडे सीरीज का पहला मुकाबला जीत कर सीरीज में 1-0 से आगे है.
वहीं, कप्तान केएल राहुल यही उम्मीद कर रहे होंगे कि उन्हें बल्लेबाजी का जरूरी अभ्यास मिल सके. दोनों टीमों के प्रदर्शन में इतना अंतर है कि यह सीरीज पूरी तरह से एकतरफा हो गई है. भारतीय टीम का लक्ष्य टॉस जीतने पर पहले बल्लेबाजी का होगा ताकि बल्लेबाजी के लिए समय मिल सके. उछालभरी पिच और तेज हवाओं से बल्लेबाजों के लिए चुनौती आसान नहीं होगी. जिम्बाब्वे के पास जिम्मी एंडरसन और जोश हेजलवुड जैसे गेंदबाज नहीं हैं लेकिन हालात से पार पाना भारतीय टीम के लिये चुनौतीपूर्ण होगा.
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दीपक चाहर ने पहले मैच के बाद कहा था कि दूसरे सत्र में गेंदबाजों को खास मदद नहीं मिल सकी है लेकिन पहले घंटे का खेल बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं था. एशिया कप में शाहीन शाह अफरीदी जैसे गेंदबाजों को खेलने से पहले भारतीय टीम के लिए बल्लेबाजी अभ्यास जरूरी है. पहले मैच में शिखर धवन और शुभमन गिल से पारी की शुरूआत जारी रखने वाले कप्तान राहुल ने नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया लेकिन अब एशिया कप से पहले बल्लेबाज राहुल को भी रंगत में लौटना होगा.
उन्हें पहली ही गेंद से आक्रमण की भारत की रणनीति को तुरंत अपनाना होगा. जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ राहुल के लिए यह सुनहरा मौका है. वहीं दीपक हुड्डा को अगर बल्लेबाजी क्रम में ऊपर उतारा जाए तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा. संजू सैमसन अगर चौथे नंबर पर उतरते हैं तो पारी के सूत्रधार की भूमिका निभा सकते हैं.