केपटाउन:पहले दो मैचों में हार के बाद अब क्लीन स्वीप से बचने की कवायद में लगी भारतीय टीम रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में कुछ बदलावों के साथ मैदान पर उतर सकती है. पहले दोनों मैच में भारतीय टीम की रणनीति पूरी तरह विफल रही. बल्लेबाज बीच के ओवरों में बड़ी साझेदारियां निभाने में नाकाम रहे, जबकि जसप्रीम बुमराह को छोड़कर बाकी भारतीय गेंदबाजों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया तथा उनकी गेंदबाजी क्लब स्तर की लगी.
इन दोनों मैचों में भारतीय गेंदबाज केवल सात विकेट ले पाए. उन्होंने पहले मैच में चार और दूसरे मैच में तीन विकेट हासिल किए. रविचंद्रन अश्विन और विशेषकर भुवनेश्वर कुमार जैसे अनुभवी गेंदबाज किसी भी समय रासी वान डर डुसेन, जानेमन मलान और क्विंटन डिकॉक जैसे दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के सामने चुनौती पेश नहीं कर पाए.
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पहले दो मैचों की असफलता के बाद सभी रणनीतिक चालों को चलने के लिए बेताब मुख्य कोच राहुल द्रविड़ अगले मैच में आक्रमण को नयापन देने के लिए जयंत यादव और दीपक चाहर को आजमा सकते हैं. पहले दो मैच बोलैंड पार्क पर खेले गए, जहां कम तेजी और उछाल मिलती है तथा कप्तान केएल राहुल तक ने स्वीकार किया कि यहां की परिस्थितियां काफी हद तक स्वदेश जैसी हैं. इसके बावजूद भारतीय खिलाड़ियों की नाकामी चिंता का विषय है.
न्यूलैंड्स में हालांकि अधिक तेजी और उछाल होने की संभावना है, लेकिन भारत टीम 0-3 से सीरीज गंवाने से बचने के लिए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी. कप्तान राहुल के लिए पहले टेस्ट में शतक को छोड़कर यह दौरा अब तक यादगार नहीं रहा है. उन्हें भले ही भविष्य का कप्तान माना जा रहा है, लेकिन अभी तक उन्होंने अपने नेतृत्व कौशल से प्रभावित नहीं किया है.