नई दिल्ली : भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के पहले दिन मेजबानों के पहली पारी में 109 रन पर ढेर होने के बाद बुधवार को कहा कि भारतीय बल्लेबाजों के लिये दिन निराशाजनक रहा क्योंकि पिच उनकी उम्मीदों से कहीं ज्यादा टर्न ले रही थी. हालांकि आपको बता दें कि इसी पिच पर ऑस्ट्रेलिया ने स्टंप तक चार विकेट गंवाकर 156 रन बनाये और 47 रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की. खेल के पहले ही घंटे में गेंद टर्न लेने लगी जिसे कई ने पिच की प्रकृति को लेकर आलोचना थी. भारतीय टीम एक सत्र से जरा ज्यादा समय में ही आउट हो गयी जिसमें आस्ट्रेलिया के बायें हाथ के स्पिनर मैट कुहनेमैन ने 16 रन देकर पांच विकेट झटके. हालांकि राठौड़ ने कहा कि घरेलू सरजमीं पर टर्निंग पिच पर खेलना टीम का मजबूत पक्ष है.
किसी ने नहीं खेला खराब क्रिकेट
भारत के बल्लेबाजी कोच राठौड़ ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, 'यह निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण विकेट है. हमने जितनी उम्मीद की थी, यह उससे ज्यादा टर्न ले रहा है. ऐसा शायद नमी के कारण हो, गेंद सुबह में तेजी से टर्न ले रही थी. हम निश्चित रूप से इससे ज्यादा रन बना सकते थे लेकिन मुझे नहीं लगता कि किसी ने भी खराब क्रिकेट खेला. बल्लेबाजी इकाई के तौर पर बस यह हमारे लिये निराशाजनक दिन रहा. टर्न लेती पिच पर खेलने के जोखिम के बारे में बात करते हुए राठौड़ ने कहा कि कभी कभार वे भी इसमें पिछड़ सकते हैं लेकिन यह हमेशा टीम की मजबूती रहेगा. उन्होंने कहा कि, 'निश्चित रूप से बल्लेबाजी इकाई के तौर पर आप कभी कभी आउट हो सकते हो लेकिन हम अब भी टर्निंग पिच पर खेलने को तरजीह देते हैं. यह हमारी मजबूती है, बतौर इकाई हम इसमें काफी मजबूत हैं. ईमानदारी से कहूं तो यह अपनी तरह का अलग विकेट है.
क्यूरेटर्स को विकेट तैयार करने के लिए कम समय मिला
राठौड़ ने कहा है कि, 'मुझे नहीं लगता कि शुरूआती दो मैचों के विकेट खराब थे. हमने जैसी उम्मीद की थी यह शायद थोड़ा सूखा है और हमने यह देखा भी. टेस्ट मैच के पहले दिन इस पर काफी ज्यादा टर्न था, जो उम्मीद से कहीं ज्यादा था'. कोच राठौड़ ने ये भी कहा है कि, 'क्यूरेटरों को विकेट तैयार करने के लिये बमुश्किल से समय मिला. यहां रणजी सत्र था और काफी देरी से मैच का फैसला किया गया जो धर्मशाला से यहां स्थानांतरित किया था. उन्हें काफी समय नहीं मिला'.