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IND vs WI 4th T20I : सेंट्रल ब्रोवार्ड स्टेडियम में इन बातों का रखना होगा ध्यान, तभी जीतेगी टीम इंडिया

भारतीय क्रिकेट टीम के पास इस मैच को जीत कर सीरीज को रोमांचक बनाने का मौका है, क्योंकि सेंट्रल ब्रोवार्ड स्टेडियम में भारत का शानदार रिकॉर्ड रहा है...

IND vs WI 4th T20I Central Broward Stadium Lauderhill Florida
सेंट्रल ब्रोवार्ड स्टेडियम लॉडरहिल

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Published : Aug 11, 2023, 1:44 PM IST

फ्लोरिडा :भारतीय क्रिकेट टीम शनिवार को फ्लोरिडा के लॉडरहिल के सेंट्रल ब्रोवार्ड स्टेडियम में चौथे टी20 मैच में वेस्टइंडीज से भिड़ने के दौरान अपनी जीत की लय को बरकरार रखना चाहेगी और सीरीज बराबर करके आखिरी मैच को और रोमांचक करना चाहेगी. लगातार दो मैच हारने के बाद तीसरे मैच में कुलदीप यादव की गेंदबाजी व सूर्यकुमार यादव की बल्लेबाजी से टीम इंडिया ने 13 गेंद रहते ही मुकाबले को 7 विकेट से जीत लिया था. भले ही टीम ने तीसरे मैच को चेज करते हुए जीता हो, लेकिन सेंट्रल ब्रोवार्ड स्टेडियम में रनों का पीछा करना आसान नहीं होता है.

तीसरे मैच में कुलदीप यादव के बेहतरीन स्पैल के दम पर मेजबान टीम 159/5 पर सिमट गई थी. इसके बाद सूर्यकुमार यादव 41 गेंदों में 83 रनों की तेज पारी खेलकर फॉर्म में लौटे और इन-फॉर्म बल्लेबाज तिलक वर्मा (37 गेंदों पर नाबाद 49) के साथ 87 रनों की साझेदारी की, जिससे भारत ने स्कोर को आसानी से पा लिया.

लॉडरहिल के सेंट्रल ब्रोवार्ड स्टेडियम का हार-जीत रिकॉर्ड

अब दोनों टीमें लॉडरहिल, फ्लोरिडा में पहुंचकर चौथे और पांचवें मैच की तैयारी कर रही हैं. यहां पर शनिवार व रविवार को चौथा व पांचवां मैच खेला जाएगा.

लॉडरहिल में सातवां मैच
भारत बनाम वेस्टइंडीज का यहां पर सातवीं बार आमना-सामना होने जा रहा है. 2016 में वेस्टइंडीज ने भारत को पहले टी20 में 1 रन से हराया था, जबकि दूसरा टी20 बारिश की भेंट चढ़ गया था. 2019 में भारतीय ने दोनों मैच जीते थे. 2022 में भी भारत ने दोनों मैच भारत ने ही जीतकर इस मैदान पर अपना दबदबा कायम रखा है.

लॉडरहिल के सेंट्रल ब्रोवार्ड स्टेडियम का रिकॉर्ड

सेंट्रल ब्रोवार्ड स्टेडियम लॉडरहिल, फ्लोरिडा में 2007 में बनाया गया था. 20 हजार की दर्शकों की क्षमता वाले खेल मैदान पर अब तक 14 टी-20 मैचों के साथ-साथ 6 वनडे मैच खेले जा चुके हैं.

पिच रिपोर्ट

लॉडरहिल के सेंट्रल ब्रोवार्ड रीजनल पार्क स्टेडियम में पहली पारी में बल्लेबाजी आसान रहती है. बाद में पिच की स्थिति खराब हो जाती है, जिससे दूसरी पारी में बल्लेबाजी प्रभावित होती है. यहां खेले गए 14 मैचों के आंकड़ों को देखें तो केवल 2 मैचों में सफलतापूर्वक चेज हो पाया है. अन्यथा यहां पर लक्ष्य का पीछा करना कठिन कार्य माना जाता है.

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