नई दिल्ली: पहले दो मैचों में हार के बाद अब क्लीन स्वीप से बचने की कवायद में लगी भारतीय टीम आज दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच (3rd and final one day international cricket match between india and south africa) में कुछ बदलावों के साथ मैदान पर उतर सकती है. पहले दोनों मैच में भारतीय टीम की रणनीति पूरी तरह विफल रही. बल्लेबाज बीच के ओवरों में बड़ी साझेदारियां निभाने में नाकाम रहे जबकि जसप्रीम बुमराह को छोड़कर बाकी भारतीय गेंदबाजों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया और उनकी गेंदबाजी क्लब स्तर की लगी. इन दोनों मैच भारतीय गेंदबाज केवल सात विकेट ले पाये. उन्होंने पहले मैच में चार और दूसरे मैच में तीन विकेट हासिल किये.
चुनौती पेश नहीं कर पाये भारतीय गेंदबाज
रविचंद्रन अश्विन और विशेषकर भुवनेश्वर कुमार जैसे अनुभवी गेंदबाज किसी भी समय रासी वान डर डुसेन, जानेमन मलान और क्विंटन डिकॉक जैसे दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के सामने चुनौती पेश नहीं कर पाये. पहले दो मैचों की असफलता के बाद सभी रणनीतिक चालों को चलने के लिये बेताब मुख्य कोच राहुल द्रविड़ अगले मैच में आक्रमण को नयापन देने के लिये जयंत यादव और दीपक चाहर को आजमा सकते हैं.
पहले दो मैच बोलैंड पार्क पर खेले गये जहां कम तेजी और उछाल मिलती है तथा कप्तान केएल राहुल तक ने स्वीकार किया कि यहां की परिस्थितियां काफी हद तक स्वदेश जैसी हैं. इसके बावजूद भारतीय खिलाड़ियों की नाकामी चिंता का विषय है. न्यूलैंड्स में हालांकि अधिक तेजी और उछाल होने की संभावना है, लेकिन भारत टीम 0-3 से श्रृंखला गंवाने से बचने के लिये अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी.
पहले दो मैचों में कप्तानी के अलावा बल्लेबाजी में भी राहुल ने किया निराश
कप्तान राहुल के लिये पहले टेस्ट में शतक को छोड़कर यह दौरा अब तक यादगार नहीं रहा है. उन्हें भले ही भविष्य का कप्तान माना जा रहा है लेकिन अभी तक उन्होंने अपने नेतृत्वकौशल से प्रभावित नहीं किया है. पहले दो मैचों में कप्तानी के अलावा बल्लेबाजी में भी राहुल ने निराश किया. वह स्ट्राइक रोटेट करने में असफल रहे जो कि वनडे में जरूरी माना जाता है. इससे बाद के बल्लेबाजों पर भी दबाव बढ़ा.
रोहित शर्मा की वापसी पर राहुल को शीर्ष क्रम में अपना स्थान गंवाना पड़ सकता है क्योंकि शिखर धवन ने वापसी पर अच्छी फॉर्म दिखायी है. विराट कोहली ने पहले मैच में 51 रन बनाये लेकिन उन्हें वनडे कप्तानी से हटाया गया था और मैदान पर उनकी पहले जैसी ऊर्जा नजर नहीं आयी. इसके अलावा दोनों अय्यर श्रेयस और वेंकटेश भी अब तक प्रभावित नहीं कर पाये हैं जो कि भारत के लिये चिंता का विषय है.