नई दिल्ली:भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव का मानना है कि अगर रविचंद्रन अश्विन जैसे प्रतिभाशाली गेंदबाज को टेस्ट टीम की अंतिम एकादश से बाहर किया जा सकता है, तो लंबे समय से लय के लिए जूझ रहे विराट कोहली को भी टी-20 टीम से बाहर करना बड़ा मसला नहीं होना चाहिए. कोहली लगभग तीन साल से बड़ी पारी खेलने के लिए जूझ रहे हैं. भारत को पहली बार विश्व चैंपियन बनाने वाले इस हरफनमौला कप्तान का मानना है कि अगर भारतीय टीम प्रबंधन शानदार लय में चल रहे खिलाड़ियों को अपने कौशल के प्रदर्शन के लिए पर्याप्त अवसर नहीं देगा तो यह उनके साथ नाइंसाफी होगी.
कपिल ने कहा, अगर आप टेस्ट के दूसरे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज अश्विन को टीम से बाहर बैठा सकते है तो विश्व का नंबर एक खिलाड़ी भी बाहर बैठ सकता है. कपिल ने कहा, मैं चाहता हूं कि कोहली रन बनाए लेकिन इस समय विराट कोहली उस तरह से नहीं खेल रहे है जिनको हम जानते है. उन्होंने अपने प्रदर्शन के दम पर अपना नाम बनाया है और अगर वह प्रदर्शन नहीं करेंगे तो नए खिलाड़ियों को आप बाहर नहीं रख सकते है.
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भारतीय टीम के इस पूर्व कप्तान ने कहा कि वह चाहते है कि कोहली और युवा खिलाड़ियों में टीम में जगह के लिए अच्छी प्रतिस्पर्धा हो. उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि नये खिलाड़ी ऐसा प्रदर्शन करें कि विराट के लिए चीजें मुश्किल हो और विराट इस तरह से वापसी करें कि नए खिलाड़ियों को अपना स्तर और ऊंचा करना पड़े. मैं चाहता हूं कि दोनों में अच्छी प्रतिस्पर्धा हो। विराट को इस तरह से सोचना चाहिए कि वह एक समय टीम के शीर्ष बल्लेबाज थे और इस टीम में भी उन्हें ऐसा ही करना है. यह टीम के लिए अच्छी समस्या है.
कपिल ने कहा कि वेस्टइंडीज दौरे से विराट का ‘विश्राम’ लेना उनके लिए टीम से ‘बाहर’ होना माना जाना चाहिए. उन्होंने कहा, आप चाहे तो इसे विश्राम कह ले या फिर टीम से बाहर होना कह सकते है. इस पर हर किसी का अपना विचार हो सकता है. अगर चयनकर्ताओं ने उनका चयन नहीं किया है तो इसका कारण यह हो सकता है कि बड़े खिलाड़ी प्रदर्शन नहीं कर पा रहे. कपिल ने कहा कि अंतिम एकादश का चयन मौजूदा फॉर्म के आधार पर किया जाना चाहिए न कि पहले के प्रदर्शन के आधार पर.
उन्होंने कहा, जब आपके पास बहुत सारे विकल्प हों, तो लय में चल रहे खिलाड़ियों को मौका दे. आप केवल प्रतिष्ठा के आधार पर नहीं जा सकते. आपको मौजूदा फॉर्म के आधार पर चयन करना होगा. आप एक स्थापित खिलाड़ी हो सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लगातार पांच मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद भी आपको मौके दिए जाएंगे.