नई दिल्ली :आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2022 (ICC Men’s T20 World Cup 2022) के शुरू होने तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, वैसे वैसे विश्व विजेता बनने वाली टीमों के बारे में तरह तरह की संभावनाएं व भविष्यवाणियां की जा रही हैं. क्रिकेट एक्सपर्ट और पूर्व खिलाड़ियों ने अगले टी20 विश्वकप को जीतने वाली टीम को लेकर अपने अपने कयास लगाने शुरू कर दिए हैं. साथ ही कई खिलाड़ियों को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है, जो अपनी टीम को विजेता बनाने में अहम रोल निभा सकता है.
कई खेल विशेषज्ञ इस बार भी टी20 वर्ल्ड कप का चैंपियन बनने वाली टीमों में सबसे बड़ी दावेदारी ऑस्ट्रेलियाई टीम की मान रहे हैं. वहीं कुछ लोग न्यूजीलैंड, भारत व श्रीलंका की टीम को बेहतर दावेदार मान रहे हैं. फिलहाल प्रदर्शन के आधार पर देखा जाय तो भारतीय टीम का दावा भी कमजोर नहीं है, लेकिन उसको कुछ बातों पर गंभीरता से विचार करना व ध्यान देना है.
ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले टी20 वर्ल्ड कप 2022 (T20 World Cup 2022) का आगाज अक्टूबर महीने में होने वाला है. बीसीसीआई ने जो 15 सदस्यीय दल चुना है, उसकी कमान रोहित शर्मा के हाथों में होगी, जबकि उपकप्तान केएल राहुल को बनाया गया है.
1. दमदार खिलाड़ियों का चोटिल होना ( Injured Players of Team India)
इसके अलावा टीम में विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर खिलाड़ियों के साथ अर्शदीप, हर्षल और दीपक हुड्डा जैसे युवा खिलाड़ियों को भी मौका दिया गया है. इसमें से कई खिलाड़ी घायल हो गए हैं तो कई खिलाड़ी अपना अच्छा प्रदर्शन दोहराने में असफल साबित हो रहे हैं. विराट कोहली का फॉर्म में आना और सूर्य कुमार यादव की धुंआधार बल्लेबाजी से कई मैचों में नीचे के खिलाड़ियों को बैटिंग का मौका नहीं मिल रहा है, जिनको मिल रहा है, वह छाप छोड़ने में असफल रहे हैं. वहीं लगातार घायल व चोटिल खिलाड़ियों से भारत की राह मुश्किल होती जा रही है. ऐसे में भारत को वैकल्पिक खिलाड़ियों से काम चलाना पड़ रहा है.
टी20 विश्वकप 2022 का 16 अक्टूबर से आगाज होने जा रहा है, लेकिन इस टूर्नामेंट में भारत के 3 बेहतरीन खिलाड़ी हिस्सा नहीं ले पाएंगे. इसकी वजह से उनकी टीमों का नुकसान भी हो सकता है. भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जडेजा चोट की वजह से विश्वकप 2022 से बाहर हो गए हैं. वहीं दीपक हुड्डा के भी खेलने की संभावना कम दिखायी दे रही है. ऐसी स्थिति में अन्य खिलाड़ियों को मौका मिलने की उम्मीद है, लेकिन पिछले कई मैचों न खेलने वाले खिलाड़ी जब सीधे विश्व कप में उतरेंगे तो उनके प्रदर्शन पर भरोसा करना काफी मुश्किल होगा.
2. ऋषभ पंत का फॉर्म अनिश्चित (Rishabh Pant Batting)
फिलहाल में भारतीय टीम में ऋषभ पंत धोनी के बाद तीनों ही फॉर्मेट में नियमित विकेटकीपर की भूमिका निभाते हुए नज़र आ रहे थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया व दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वह कोई खास छाप नहीं छोड़ पाएं हैं. एशिया कप में भी उनका प्रदर्शन कोई खास नहीं था, जिससे उनके टीम में सेलेक्शन तो हो गया है, लेकिन अंतिम 11 खिलाड़ियों में शामिल होने पर संशय बरकरार है. एशिया कप में मिले मौके को पंत भुना नहीं पाए तो कई नाजुक मौकों पर भी वो गलत शॉट खेल कर अपना विकेट गवां बैठे. ऐसी स्थिति में पंत को लेकर टीम प्रबंधन को एक स्पष्ट रणनीति बनानी होगी और उनको भी अपनी भूमिका विकेटकीपर के साथ साथ बल्लेबाज के रुप में समझनी होगी.
3. ऑलराउंडर के रूप में अश्विन का रोल ( R Ashwin Role As a All Rounder)
ऐसे में वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2022) जैसे बड़े टूर्नामेंट में चयनकर्ताओं का रवि बिश्नोई की जगह आर. अश्विन को चुने जाने का फैसला समझ से परे बताया जा रहा है. T20 World Cup 2022 में युवा व नवोदित खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है. ऐसे में कई खेल विशेषज्ञ रवि बिश्नोई की जगह आर. अश्विन को चुने जाने का फैसला गलत ठहरा रहे हैं. ऑल राउंडर के रुप में उनको भले ही तवज्जो दी जा रही हो, लेकिन अंतिम 11 खिलड़ियों में उन्हें कितना मौका मिलेगा यह देखने वाली बात होगी. अगर अश्विन को मौके नहीं देना है तो टीम में रखने पर सवाल उठने लगता है.
4. डेथ ओवर की गेंदबाजी व बल्लेबाजी (Batting and Bowling in Death Overs)
रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के साथ खेले गए मैचों में खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बारे में कहा कि टीम एक निश्चित तरीके से बल्लेबाजी और गेंदबाजी करना चाहती है और हम उन्हें वह आत्मविश्वास देना चाहते हैं. हां, हमने पिछले पांच या छह मैचों में डेथ ओवरों में अच्छी गेंदबाजी नहीं की है. हम विपक्षी टीम के साथ भी ऐसा ही कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि डेथ ओवरों में गेंदबाजी और बल्लेबाजी करना बहुत कठिन होता है. यहीं खेल का फैसला होता है. यह अधिक चिंताजनक नहीं है, लेकिन हमें सुधार करना होगा और एकजुट होकर खेलना होगा. यह विश्वकप जीतने के लिए जरूरी है. बुमराह के चोटिल होने व भुवनेश्वर की गेंदबाजी में अधिक रन बनना भारतीय टीम की मुश्किलों को बढ़ाने वाला है.
5. मोहम्मद शमी को खेलने का मौका न देना
टीम इंडिया के सबसे अच्छे गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के घायल होने व भुवनेश्वर कुमार के डेथ ओवर्स में असफल होने के बाद अब सबकी निगाहें मोहम्मद शमी पर हैं. उनको कोविड से उबरने के बाद खेलने का मौका मिलना चाहिए. सीधे मैचों में उतारने की कोशिश खतरनाक होगी. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आखिरी मैच व विश्वकप के प्रैक्टिस मैचों में मोहम्मद शमी को मौका दिया जाना चाहिए, ताकि उनके फॉर्म को परखा जा सके.