नई दिल्ली : पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने एशिया कप और विश्व कप के लिए टीम में तीन बाएं हाथ के खिलाड़ियों को रखने के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री के विचार को खारिज कर दिया और इस बात पर जोर दिया कि खिलाड़ियों को फॉर्म के आधार पर चुना जाना चाहिए न कि लेफ्ट या राइट हैंड देखकर.
इससे पहले, शास्त्री ने सुझाव दिया था कि भारत को अपने लाइन-अप में विविधता लाने के लिए एशिया कप और विश्व कप के लिए अपने शीर्ष सात बल्लेबाजी स्थानों में तीन बाएं हाथ के बल्लेबाजों को शामिल करने पर विचार करना चाहिए.
स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए गंभीर ने कहा, 'अगर तिलक वर्मा को चुना गया है, तो निश्चित रूप से उन्हें खेलने के लिए कुछ मैच मिलने चाहिए. अगर उन्हें खेलने का मौका मिलता है और अन्य बल्लेबाजों की तुलना में वो बेहतर प्रदर्शन करते हैं, तो आपको उसे निश्चित रूप से टीम में लेना चाहिए क्योंकि, जैसा कि मैंने पहले कहा है फॉर्म महत्वपूर्ण है'.
यह बहस कि बाएं हाथ का कौन है या दाएं हाथ का या हमें तीन बाएं हाथ के बल्लेबाजों की जरूरत है या नहीं, यह एक गलत बहस है. हम देखते हैं गुणवत्ता के मामले में, हम यह नहीं देखते कि टीम में कितने बाएं हाथ के खिलाड़ी हैं.
उन्होंने आगे कहा, 'अगर बल्लेबाज अच्छा है चाहे वह दाएं हाथ का हो या बाएं हाथ का, हमें यह देखना चाहिए कि वह हर स्थिति में और हर गेंदबाज के खिलाफ कैसा प्रदर्शन करता है. अगर तिलक वर्मा अच्छी फॉर्म में हैं, तो उन्हें चुनें. अगर श्रेयस अय्यर हैं या केएल राहुल अच्छी फॉर्म में हैं, तो उन्हें चुनें. यह कोई बाध्यता नहीं है कि आपको एक बाएं हाथ के खिलाड़ी को टीम में रखना होगा या आपको लाइनअप में तीन बाएं हाथ के खिलाड़ियों को रखना होगा. मुझे नहीं लगता कि हमें इसकी आवश्यकता है. अगर हम बाएं हाथ के बल्लेबाजों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, तो यशस्वी जायसवाल और अन्य बाएं हाथ के बल्लेबाजों के बारे में क्या? लेकिन आप गुणवत्ता देखते हैं, न कि मात्रा'.