दोहा :फीफा विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में फ्रांस ने मोरक्को को हराकर लगातर दूसरी बार फाइनल में प्रवेश कर लिया. फाइनल में अब फ्रांस की टक्कर लियोनल मेसी की टीम अर्जेंटीना के साथ होगी. वैसे देखा जाय तो मोरक्को का टूर्नामेंट में अब तक का प्रदर्शन शानदार रहा था, लेकिन फ्रांस के खिलाफ उसकी मजबूत दीवार धराशायी हो गई. मैच में फ्रांस ने 2-0 से जीत हासिल करते हुए मोरक्को का पहली बार फाइनल मैच खेलने का सपना तोड़ दिया.
सेमीफानल में इस जीत के साथ ही फ्रांस की टीम ने फीफा विश्व कप में एक बड़ा रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया. फ्रांस फुटबॉल विश्व कप के इतिहास में 60 साल बाद डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में लगातार दूसरी बार फाइनल खेलने वाली टीम बन गयी है. इससे पहले 1958 में ब्राजील की टीम ने विश्व कप जीतने के बाद 1962 के फाइनल में भी खिताब बचाने मैदान पर उतरी थी.
मोरक्को के खिलाफ सेमीफाइनल खेलने उतरी फ्रांस की टीम ने शुरुआत से आक्रामक खेल दिखाते हुए खेल के पांचवें मिनट में ही टीम के लिए थियो हर्नांडेज गोल दागकर सनसनी मचा दी. इसके बाद भी फ्रांस का खेमा लगातार मोरक्को के गोल पोस्ट पर वार करता रहा. इस तरह पहले हाफ में फ्रांस की टीम 1-0 से आगे रही. खेल के दूसरे हाफ में फ्रांस ने 79वें मिनट में अपनी बढ़त 2-0 कर ली. फ्रांस के लिए यह गोल रैंडल कोलो मुआनी ने किया. वह सब्सीट्यूट के तौर पर मैदान पर में उतरे और मैदान पर आने के 44 सेकंड बाद ही गेंद को गोल पोस्ट में डाल दिया.
फुटबॉल के महासमर में कदम दर कदम शहसवारों को मात देती आई मोरक्को की टीम के सामने विश्व कप सेमीफाइनल में गत चैम्पियन फ्रांस की चुनौती अधिक समय तक टिक नहीं सकी.