हैदराबाद:वनडे कप्तानी से हटने के बाद विराट कोहली ने बीते दिन 15 दिसंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कई बड़े खुलासे किए. कोहली ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के इस बयान को गलत बताया कि बोर्ड ने उनसे टी-20 टीम की कप्तानी नहीं छोड़ने के लिए कहा था. विराट कोहली के इस बयान से बीसीसीआई के बीच तनाव साफतौर पर जगजाहिर हो गया है. फिलहाल, अब इस मामले में पूर्व भारतीय कप्तान और महान ऑलराउंडर कपिल देव ने अपनी राय व्यक्त की है.
भारत को पहला विश्व कप जिताने वाले महान कप्तान कपिल देव ने एक चैनल से बात करते हुए कहा, चयनकर्ताओं की मर्जी है कि वह अपने फैसले के बारे में किसी को बताएं या नहीं. सेलेक्टरों ने भले ही विराट कोहली जितना क्रिकेट नहीं खेला है, लेकिन उनको कप्तानी पर फैसला लेने का अधिकार है. उन्हें किसी को भी किसी भी बारे में बताने की जरूरत नहीं है, विराट को भी नहीं. खिलाड़ियों को इसकी उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
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आखिरकार गांगुली ने क्या कहा था?
गांगुली ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने टी-20 कप्तानी छोड़ने के वक्त कोहली को खुद बात करके कहा था कि वह इस्तीफा न दें. हालांकि, कोहली ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, उन्हें किसी ने भी रोका नहीं था. खुले आम कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष के आमने-सामने आने से बोर्ड और भारतीय क्रिकेट की छवि पर असर पड़ा है और कपिल ने कहा कि कोहली को बोर्ड अध्यक्ष के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए था.
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कपिल ने कहा, मैं कोहली का बड़ा फैन हूं, लेकिन किसी भी खिलाड़ी को बीसीसीआई अध्यक्ष या बोर्ड के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए. जब मुझे कप्तानी से हटाया गया था तो मुझे भी बहुत चोट पहुंची थी. लेकिन याद रखिए कि आप देश के लिए खेल रहे हैं. इससे ज्यादा मायने कुछ नहीं रखता.
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बताते चलें, इस पूरे बवाल के बाद अभी तक बीसीसीआई ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है, लेकिन कपिल ने उम्मीद जताई कि मौजूदा विवाद का असर टेस्ट में कोहली की कप्तानी पर नहीं होना चाहिए. कपिल ने कहा, मुझे उम्मीद है कि इस विवाद से विराट कोहली की टेस्ट कप्तानी पर कोई असर नहीं होना चाहिए. वह शानदार खिलाड़ी हैं और जबरदस्त क्रिकेटर हैं. उम्मीद है कि सेलेक्टर इसी तरह से सोचते हैं. विराट को साउथ अफ्रीका दौरे पर ध्यान देना चाहिए.