अलीगढ़ में क्रिकेटर रिंकू सिंह ने बनवाया मंदिर अलीगढ़: क्रिकेटर रिंकू सिंह को कौन नहीं जानता. एक गरीब परिवार से आए रिंकू सिंह की धुआंधार बल्लेबाजी के हिंदुस्तान ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमी दीवाने हैं. रिंकू सिंह ने इस कामयाबी को हासिल करने के लिए एक मन्नत मांगी थी कि यदि वह आईपीएल में शानदार प्रदर्शन और इंडिया टीम में जगह पाते हैं तो वह अलीगढ़ में अपने खुद के पैसे से एक मंदिर बनवाएंगे. मन्नत पूरी होने के बाद रिंकू सिंह ने भगवान से किए अपने वादे को भी पूरा कर दिखाया. क्रिकेटर रिंकू सिंह क्वार्सी थाना इलाके के बाईपास स्थित गांव कमालपुर में अपनी कुलदेवी मां चौडे़रे देवी का मंदिर बनवाया है. अब इस मंदिर में मूर्ति प्रतिष्ठा होना अभी बाकी है.
बता दें कि अलीगढ़ के एक गैस गोदाम पर काम करने वाले खान चांद और उनकी पत्नी बीना देवी की 6 संतान में रिंकू सिंह तीसरे नंबर के बेटे हैं. रिंकू सिंह पांच भाई और एक बहन हैं. 25 साल के रिंकू सिंह ने अपने जीवन में संघर्ष देखा है. पिता को घर-घर सिलेंडर पहुंचाते तो बड़े भाई को टेंपो चलाते हुए भी रिंकू सिंह ने देखा है. रिंकू सिंह कभी खुद भी झाड़ू-पोछा लगाया करते थे. रिंकू के पिता गैस हॉकर का काम करते हैं और रिंकू भी उनके साथ घर-घर सिलेंडर लगाने जाया करते थे.
रिंकू सिंह का परिवार गैस गोदाम में ही बने एक क्वार्टर में रहता है. रिंकू को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का काफी शौक था. धीरे-धीरे बड़े हुए तो वह लोकल टूर्नामेंट से लेकर उत्तर प्रदेश की रणजी ट्रॉफी टीम तक सेलेक्ट हुए. उसके बाद रिंकू सिंह का चयन आईपीएल में हुआ और धुआंधार बल्लेबाजी से रिंकू सिंह ने अपने आप को साबित कर दिखाया. इससे पहले रिंकू सिंह ने एक मन्नत मांगी थी कि यदि उनका चयन इंडिया टीम के लिए होता है तो वह अपनी कुलदेवी मां चौडे़रे वाली देवी का मंदिर अपने निजी पैसे से बनवाएंगे और जब रिंकू की ये मन्नत पूरी हो गई तो उन्होंने मंदिर की स्थापना के लिए 11 लाख रुपये दान दिए. मंदिर लगभग बनकर पूरा तैयार है. बस उसमें मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है.
क्रिकेटर रिंकू सिंह के भाई सोनू ने बताया कि उनकी कुलदेवी का मंदिर बना है. चौडे़रे वाली मैया का मंदिर है. बताया कि रिंकू ने मन्नत मांगी थी कि वह इंडिया खेलेगा और अच्छा परफॉर्म करे. उसकी मन्नत पूरी हो गई है. इसलिए उसने यह मंदिर बनवाया है. यह मंदिर कमलापुर रोड पर स्थित है. भक्तों के लिए यह मंदिर 16 अक्टूबर से खुल जाएगा.
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