अहमदाबाद : बाएं हाथ के बल्लेबाजों डेवोन कॉनवे और रचिन रविंद्र के आकर्षक शतक तथा इन दोनों के बीच रिकॉर्ड साझेदारी से न्यूजीलैंड ने गुरुवार को यहां एकदिवसीय विश्व कप के उद्घाटन मैच में इंग्लैंड को 82 गेंद शेष रहते हुए नौ विकेट से करारी शिकस्त देकर अपने अभियान का शानदार आगाज करने के साथ ही 2019 के फाइनल में मिली हार का बदला भी चुकता किया.
कप्तान केन विलियमसन के बिना खेल रहे न्यूजीलैंड के सामने 283 रन का लक्ष्य था जो उसने 36.2 ओवर में एक विकेट खोकर हासिल कर दिया. कॉनवे ने 121 गेंद पर 19 चौकों और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 152 रन बनाए जबकि रविंद्र ने 96 गेंद पर नाबाद 123 रन की पारी खेली जिसमें 11 चौके और पांच छक्के शामिल हैं. इन दोनों ने अपने करियर का सर्वोच्च स्कोर बनाया.
कॉनवे और रविंद्र ने दूसरे विकेट के लिए 273 रन की अटूट साझेदारी की. यह न्यूजीलैंड की तरफ से विश्व कप में किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी है. उनकी इन पराक्रमी परियों से न्यूजीलैंड 2019 के फाइनल की कड़वी यादों को पीछे छोड़ने में सफल रहा जब वह बाउंड्री की गणना में इंग्लैंड से खिताब गंवा बैठा था.
इंग्लैंड पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद नियमित अंतराल में विकेट गंवाने के कारण 9 विकेट पर 282 रन ही बना पाया. उसकी तरफ से अनुभवी बल्लेबाज जो रूट ने सर्वाधिक 77 रन का योगदान दिया.
न्यूजीलैंड के कामचलाऊ स्पिनर ग्लेन फिलिप्स ने तीन ओवर में 17 रन देकर दो विकेट लिए जिनमें रूट और ऑलराउंडर मोईन अली (11) जैसे खिलाड़ी शामिल हैं. मिशेल सेंटनर ने 10 ओवर में 37 रन देकर दो और मैट हेनरी ने 48 रन देकर तीन विकेट लिए.
कॉनवे ने क्रिस वोक्स के पहले ओवर में दो चौके लगाकर 10 रन बटोरे लेकिन सैम करेन ने अगले ओवर की पहली गेंद पर विल यंग (00) को विकेट के पीछे कैच करा दिया. इसके बाद इंग्लैंड के गेंदबाज विकेट हासिल करने के लिए तरसते रहे.
रविंद्र ने शीर्ष क्रम में भेजे जाने के फैसले को सही साबित किया. उन्होंने क्रीज पर आते ही आक्रामक करवाया अपनाया और कॉनवे के साथ मिलकर कुछ आकर्षक चौके लगाने के अलावा ऑफ स्पिनर मोईन को निशाना बनाकर उन पर दो छक्के लगाए. इनमें से दूसरे छक्के से उन्होंने 36 गेंद पर अपना पचासा पूरा किया.
कॉनवे ने भी 50 रन तक पहुंचने के लिए 36 गेंद खेली. वह लेग स्पिनर आदिल रशीद पर चौका जड़कर इस मुकाम पर पहुंचे. न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने जहां अपना कमाल दिखाया वहीं कॉनवे और रविंद्र के सामने इंग्लैंड के स्पिनरों की एक नहीं चली.