नई दिल्ली: पूर्व भारतीय बल्लेबाज युवराज सिंह ने नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में ऐतिहासिक जीत को एक बार फिर से याद किया है.
भारत ने 18 साल पहले 2002 में आज ही के दिन ऐतिहासिक लॉर्डस मैदान पर नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में मेजबान इंग्लैंड को हराकर जीत दर्ज की थी. उस जीत में युवराज और मोहम्मद कैफ ने रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और इंग्लैंड के जबड़े से जीत छीन ली थी.
युवराज ने सोशल मीडिया पर कहा, " नेटवेस्ट 2002 फाइनल का थ्रोबैक. जान लगा दी थी सबने मिलके. हम युवा थे और जीतना चाहते थे. यह एक अद्भुत टीम प्रयास था, जिसने इंग्लैंड को हराने और रोमांचक मैच में ट्रॉफी हासिल करने में हमारी मदद की। नासिर हुसैन, अगर आप भूल ना गए हों तो."
इंग्लैंड ने उस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए पांच विकेट के नुकसान पर 325 रन बनाया था. मार्कस ट्रैस्कोथिक ने 109 और कप्तान नासिर हुसैन ने 115 रनों की पारी खेली थी.
विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग ने पहले विकेट के लिए 106 रनों की साझेदारी की थी. लेकिन यहां से टीम अचानक से लड़खड़ा गई और 24 ओवरों तक उसने 146 रनों तक अपने पांच विकेट गंवा दिए थे.
इसके बाद कैफ और युवराज ने पारी को संभाला और साझेदारी करते हुए टीम की जीत की दहलीज तक लेकर गए. दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर 106 गेंदों पर 121 रनों की साझेदारी करके भारत को वापस मैच में ला खड़ा किया.
2002 नेटवेस्ट सीरीज जीतने के बाद सौरव गांगुली
पॉल कॉलिंगवुड ने युवराज को 69 के निजी स्कोर पर पवेलियन भेज दिया और यहां लगा कि इंग्लैंड मैच जीत जाएगी. लेकिन, कैफ ने हरभजन सिंह के साथ 47 रनों की साझेदारी कर टीम को मैच में बनाए रखा.
हरभजन और अनिल कुंबले के आउट होने के बाद भी कैफ ने एक छोर संभाले रखते हुए तीन गेंद शेष रहते भारत को जीत दिलाई थी.
मैच में जीत हासिल करने के बाद कप्तान गांगुली ने लॉर्डस मैदान की बालकनी में टी-शर्ट उतार कर लहराई थी जिसकी चर्चा आज भी होती है.