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ओलंपिक से सीख ले सकती है वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप: सचिन तेंदुलकर - Sachin Tendulkar latest news

भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा, "मुझे लगता है कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को लेकर कुछ गणित तो बैठाना पड़ेगा. आप देखेंगे कि ओलंपिक को भी एक साल के लिए टाल दिया गया है लेकिन इसे नाम टोक्यो ओलंपिक-2020 ही दिया जाएगा, बेशक ये 2021 में खेले जाएं."

Sachin Tendulkar
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Published : May 4, 2020, 6:37 PM IST

नई दिल्ली:किसी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के लिए असली चुनौती टेस्ट क्रिकेट होती है, लेकिन इस समय लागू लॉकडाउन की वजह से तमाम टूर स्थगित कर दिए गए हैं और ऐसे में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का भविष्य अधर में लटका पड़ा है.

चैंपियनशिप का फाइनल 2021 में इंग्लैंड के लॉर्ड्स में खेला जाए, इसकी संभावना बहुत कम नजर आ रही है, हालांकि भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के पास इसका समाधान है.

'विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को लेकर कुछ गणित तो बैठाना पड़ेगा'

सचिन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओए) से सीख ली जा सकती है कि उन्होंने कैसे खेलों को एक साल के लिए टाल दिया. सचिन को लगता है कि कुछ गणित बैठाना पड़ेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चैंपियनशिप का पहला संस्करण बिना किसी परेशानी के हो जाए.

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को लेकर कुछ गणित तो बैठाना पड़ेगा. आप देखेंगे कि ओलंपिक को भी एक साल के लिए टाल दिया गया है लेकिन इसे नाम टोक्यो ओलंपिक-2020 ही दिया जाएगा, बेशक ये 2021 में खेले जाएं. इसी तरह से हमें वो समय निकालना पड़ेगा जहां आप जानते हो कि सभी मैच खेले जा सकते हैं, जो इस समय होने चाहिए थे. हमें देखना पड़ेगा कि उन मैचों को भविष्य में कैसे किया जा सकता है और इसी के साथ चैंपियनशिप को जारी कैसे रखा जा सकता है."

उन्होंने कहा, "दोबारा से शुरू करना बड़ी बात होगी. अगर आपने कुछ शुरू कर दिया है तो इसे सबसे सही और पारदर्शी तरीके से खत्म करना चाहिए जहां हम सभी बाकी के मैच करा सकें और हर किसी को एक सही मौका दे सकें. हम समय सीमा बढ़ा सकते हैं क्योंकि यह टूर भी पूरी तरह से रद नहीं हुए हैं, उन्हें स्थगित कर दिया गया है. इसलिए टूर के साथ चैंपियनशिप भी स्थगित की गई है."

सचिन तेंदुलकर

'चयन का पैमाना फिटनेस होना चाहिए, उम्र नहीं'

इस बात पर भी काफी चर्चा होती है कि खिलाड़ी को उम्र या फिटनेस में से किस आधार पर चुना जाए. इस समय पूरे विश्व में खिलाड़ियों की फिटनेस का स्तर काफी बढ़ रहा है. यह सवाल हमेशा पूछा जाता है कि क्या सीनियर खिलाड़ी युवाओं का रास्ता रोक रहे हैं. सचिन चयन संबंधी नीतियों में पड़ना नहीं चाहते लेकिन वो कहते हैं कि चयन का पैमाना फिटनेस होना चाहिए, उम्र नहीं.

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप

उन्होंने कहा, "जो अच्छा है, उसे मौका दिया जाना चाहिए. यह युवाओं को मौका या ऐसी ही कोई और बात नहीं है. अगर साहा फिट हैं और खेलने के लिए फिट हैं तो उन्हें खेलना चाहिए. इसी तरह अगर पंत फिट हैं तो उन्हें मौका मिलना चाहिए. टीम प्रबंधन को इसका फैसला करने दें. मैं यह नहीं कह रहा कि साहा को पंत से आगे रखना चाहिए या पंत को साहा से आगे रखना चाहिए. इसका फैसला टीम प्रबंधन को करने दीजिए."

उन्होंने कहा, "मैं अपनी बात को छोटी करते हुए कहता हूं कि अगर कोई फिट है तो उम्र का पैमाना बीच में नहीं आना चाहिए और टीम प्रबंधन को फैसला लेना चाहिए कि किसे खेलाना है."

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