नई दिल्ली :न्यूजीलैंड ने जब भी विश्व कप में कदम रखा है, छुपा रुस्तम साबित हुई है. वो पांच बार सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रही है तो वहीं पिछले विश्व कप में वो पहली बार फाइनल में पहुंची थी, लेकिन जीत नहीं सकी थी. इस बार भी कहानी अलग नहीं है. कीवी टीम एक ऐसी टीम के तौर पर इंग्लैंड जा रही है जो कभी भी, कुछ भी कर सकती है.
पिछली बार न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया के साथ संयुक्त रूप से विश्व कप की मेजबानी की थी और फाइनल में पहुंची थी, लेकिन इस बार उसे इंग्लैंड की धरती पर खेलना है और उसके सामने चुनौती बीते प्रदर्शन को दोहराने की है.
क्या है संभव है?
कीवी टीम का अगर इंग्लैंड में प्रदर्शन देखा जाए तो ये बड़ी चुनौती लगती है. कीवी टीम को हमेशा इंग्लैंड में परेशानी हुई है. उसने आखिरी बार चैंपियंस ट्रॉफी में यहां शिरकत की थी लेकिन जल्दी टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी. चैंपियंस ट्रॉफी से पहले कीवी टीम ने 2015 में इंग्लैंड का दौरा किया और 2-3 से हारी थी.
अगर देखा जाए तो बीते चार साल में सिर्फ दो बार इंग्लैंड में खेलना, ये बताता है कि मौजूदा टीम के पास वहां खेलने का अनुभव नहीं है ऐसे में स्थितियों से उसे तालमेल बिठाने में न्यूजीलैंड को परेशानी होगी.
इस बात में हालांकि कोई शक नहीं है कि वो बेहतर खेलने और अच्छी-अच्छी टीमों को मात देने का दम रखती है.
बल्लेबाजी है ताकत
कीवी टीम की बल्लेबाजी मजबूत है. कप्तान केन विलियम्सन के जिम्मे टीम का भार होगा. विलियम्सन ने हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सनराइजर्स हैदराबाद की कप्तानी की थी. वो टीम को प्लेऑफ तक तो ले गए थे, लेकिन उनका बल्ला ज्यादा असरदार नहीं रहा था. अगर कीवी टीम को बेहतर करना है तो ये जरूरी है कि कप्तान फॉर्म में लौटें और निरंतरता के साथ रन बनाए.
पिछले विश्व कप और इस विश्व कप में न्यूजीलैंड की टीम में एक अंतर ये है कि तब उसके पास ब्रैंडन मैक्कलम जैसा बल्लेबाज था जो इस बार नहीं है. उनके आस-पास का बल्लेबाज भी कीवी टीम में नहीं हैं. अनुभव के मामले में हालांकि मार्टिन गुप्टिल का रोल काफी अहम होगा. गुप्टिल एक बेहतरीन बल्लेबाज भी हैं जो बड़ी पारियां खेलने का दम रखते हैं.
कोलिन मुनरो के रूप में एक और खतरनाक बल्लेबाज कीवी टीम के पास है. मुनरो अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं. टी-20 में उनका प्रदर्शन हमेशा से बेहतर रहा है लेकिन वनडे में मुनरो निरंतरता की कमी से जूझते रहे हैं. इस कमी को उन्हें दूर करना होगा. टॉम लाथम के रूप में एक और अच्छा विकल्प कीवी टीम के पास है. लाथम युवा और प्रतिभाशाली हैं तथा टीम की बल्लेबाजी कड़ी का अहम हिस्सा भी.