नई दिल्ली :चाइनामैन गेंदबाद कुलदीप यादव जून 2017 से युजवेंद्र चहल के साथ मिलकर भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिन आक्रामण की अगुआई कर रहे हैं लेकिन बीते एक साल में उनकी फॉर्म और किस्मत उनके साथ नहीं रही है.
उनका पिछला प्रदर्शन और विराट कोहली का समर्थन यही दो वजहें दिखती हैं जिनके कारण चयनकर्ताओं ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वनडे टीम में चुना. इस प्रारूप में हालांकि उनकी फॉर्म हाल ही में ज्यादा अच्छी नहीं रही है. कुलदीप को टी-20 टीम में जगह नहीं मिली.
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पिछले साल खेले गए विश्व कप में इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने कुलदीप की गेंदों पर जमकर रन बनाए थे. 10 ओवरों में उन्होंने 72 रन लुटाए थे तब से यह गेंदबाज ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाया है.
उन्होंने 23 जून 2017 को पदार्पण किया था और 29 जून 2019 तक, यानि इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मुकाबले से एक दिन पहले, उन्होंने 49 मैचों में 23.06 की औसत से 91 विकेट लिए थे. इस दौरान उनका इकॉनोमी रेट 4.88 रहा. उन्हें हर 28.3 गेंद बाद विकेट मिला.
इसके बाद उनके करियर के अगले फेज में उनके प्रदर्शन में गिरावट देखी गई. 1 जुलाई 2019 से पांच फरवरी 2020 तक, जब उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच खेला था, उन्होंने 10 मैचों में 12 विकेट लिए हैं. इस फेज में उनका औसत 45.83 रहा और उन्होंने प्रति ओवर 5.97 रन दिए. विकेट लेने के आंकड़े को देखें तो उन्होंने हर 46वीं गेंद के बाद विकेट लिए हैं.
हेमिल्टन में खेले गए अपने आखिरी वनडे में कुलदीप ने 10 ओवरों में 84 रन लुटाए. उससे पहले चार मैचों में जो उन्होंने भारत में ही ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले थे, उनमें रन ज्यादा खर्च किए थे और विकेट कम लिए थे. साफ है कि वनडे में उनकी फॉर्म में गिरावट आई है फिर भी टीम में चुने जाने का एक कारण यह भी हो सकता है कि टीम के पास वनडे में ज्यादा अनुभवी रिस्ट स्पिनर नहीं हैं.
ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचों पर रिस्ट स्पिन काफी अहम होगी. भारतीय टीम अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को भी मौका दे सकती थी जिन्होंने आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के साथ खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया है. कुलदीप के टी-20 में वापसी की उम्मीदों को उनकी आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के साथी वरुण चक्रवर्ती ने तोड़ दिया है.
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उनके इस बार आईपीएल के प्रदर्शन पर निगाहें डालें तो वह विकेट लेने की सूची में 70वें स्थान पर हैं. इस सीजन कुलदीप ने कोलकाता के लिए पांच मैच खेले और सिर्फ एक विकेट लिया. ये साफ है कि कुलदीप के लिए समय निकल रहा है और यह उनके लिए अपना प्रभाव छोड़ने का आखिरी मौका हो सकता है. देखना होगा कि क्या वह प्रभाव छोड़ पाते हैं या नहीं.