दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sports

शर्मनाक हार झेलने के बाद भारतीय टीम ने कैसे की वापसी, हनुमा विहारी ने खोला राज - भारतीय क्रिकेट टीम

एडिलेड में पहले टेस्ट में 36 पर ऑल-आउट के बारे में पूछे जाने पर हनुमा विहारी ने कहा, "एडिलेड टेस्ट के बाद, आप विश्वास नहीं करेंगे, हम एक टीम के रूप में इस मैच के बारे मे कभी बात नहीं करते थे."

Hanuma Vihari
Hanuma Vihari

By

Published : Jan 22, 2021, 9:27 AM IST

हैदराबाद : भारतीय बल्लेबाज हनुमा विहारी ने कहा है कि पांचवे दिन की दोपहर को ऋषभ पंत और चेतेश्वर पुजारा के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए सिडनी टेस्ट जीतने की संभावना नहीं थी.

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में मेजवान टीम ने मैच जीतने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन ने मैच के आखिरी दिन 289 गेंदों का सामना किया और वो कर दिखाया जिसके बारे में किसी ने सोचा नहीं था.

विहारी (23 रन, 161 गेंद) और अश्विन (39 रन, 128 गेंद) टिके रहे और एक्शन पैक पांचवे दिन मैच को ड्रॉ कराने में कामयाब रहे.

सिडना टेस्ट मैच

विहारी ने कहा, "यदि आप पहले सत्र और दूसरे सत्र के अधिकांश भाग को देखते हैं, तो ऐसा लग रहा था कि हम जीत सकते हैं. जिस तरह से ऋषभ पंत और चेतेश्वर पुजारा ने खेला. ईमानदारी से कहूं, तो एक बार जब वे आउट हो जाते हैं, तो मैं नहीं मानता कि जीतने की कोई संभावना थी. मेरी चोट से पहले भी, ऐश (आर अश्विन) अपनी पीठ के साथ संघर्ष कर रहा था, (रवींद्र) जडेजा जरूरत पड़ने पर केवल कुछ ओवर खेल सकते थे. ड्रॉ के बारे में हमने तब सोचा जब हमें पता चला कि ऐश दौड़ नहीं सकते, और तभी मेरी हैमस्ट्रिंग की चोट हुई. हम जानते थे कि हमें बस समय निकालकर बल्लेबाजी करनी थी. और 43 ओवर तक बल्लेबाजी करना आसान काम नहीं है (एक साझेदारी के लिए). ऑस्ट्रेलिया, पांचवा दिन, उनके गेंदबाजों के खिलाफ."

उन्होंने आगे कहा, "हमने एक समय में एक गेंद पर बल्लेबाजी की. मेरे और ऐश के बीच हर ओवर के बाद बात होती की हमें क्या करना है. इस रणनीति से मदद मिली. हमें बाहर से संदेश मिले लेकिन हमने पहले ही फैसला कर लिया था कि वे नाथन (लॉयन) का सामना करेगा और मैं तेज गेंदबाजों का. वो लॉयन के खिलाफ अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था और मैं अपने हैमस्ट्रिंग के कारण स्पिनर के खिलाफ भी नहीं खेल पा रहा था. ये हमारे लिए अच्छा रहा. वो आखिरी दिन लॉयन को काफी सरलता के साथ खेल पा रहा था और मैं तेज गेंदबाजों के खिलाफ काफी सहज था."

हनुमा विहारी

चोट के कारण इन दोनों खिलाड़ियों को गाबा में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में आराम दिया गया और वे वापस भारत लौट आए.

इस बल्लेबाज ने कहा, "दो भावनाएँ मन में आईं. एक दर्द था, दूसरा राहत था. दर्द था और राहत की सांस थी कि मैं टीम के लिए काम कर सकता हूं. यह एक मीठा दर्द था. अगर मैं मैच नहीं बचा पाता, तो इससे ज्यादा चोट लगती. क्योंकि हमने टेस्ट को बचाया, इसलिए दर्द इतना दर्दनाक नहीं था."

एडिलेड में पहले टेस्ट में 36 पर ऑल-आउट के बारे में पूछे जाने पर विहारी ने कहा, "एडिलेड टेस्ट के बाद, आप विश्वास नहीं करेंगे, हम एक टीम के रूप में खेल के बारे में कभी नहीं बोलते थे. हमने केवल महसूस किया कि यह पहले कभी नहीं हुआ है. मुझे नहीं लगता कि यह फिर कभी होगा. यह एक अजीब पारी थी. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और इसे तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला के रूप में देखते हैं. अब अगर आप इसे देखें, तो हमने श्रृंखला 2-0 जीती है. भारतीय टीम, चरित्र, और जो लड़ाई हमने लड़ी हैं, हम सब कुछ मैदान पर छोड़ आते हैं. यह भारतीय टीम की पहचान है. और हम इसी तरह खेलते है."

ABOUT THE AUTHOR

...view details