लंदन : भारतीय क्रिकेट टीम 2007 विश्व कप में बांग्लादेश और श्रीलंका से हारकर ग्रुप चरण से ही बाहर हो गई थी. इस प्रदर्शन के बाद प्रशंसक और क्रिकेट जगत ने टीम की आलोचना करना शुरू कर दी थी.
रिचडर्स से 45 मिनट तक हुई बातचीत
खुद सचिन का भी ये विश्वकप अच्छा नहीं रहा था और टूर्नामेंट के तीन मैचों में उन्होंने मात्र 64 रन ही बनाए थे. सचिन ने एक कार्यक्रम में कहा कि 2007 विश्वकप में खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना लिया था. लेकिन रिचडर्स से 45 मिनट तक हुई बातचीत ने उनका फैसला बदल दिया.
संन्यास को लेकर 90 प्रतिशत सुनिश्चित था.
सचिन ने कहा, " उस समय भारतीय क्रिकेट से जुड़ी जो चीजें हो रही थीं उनमें सब कुछ ठीक नहीं था. हमें कुछ बदलाव की जरूरत थी और मुझे लगता था कि अगर वे बदलाव नहीं हुए तो मैं क्रिकेट छोड़ देता. मैं क्रिकेट को अलविदा कहने को लेकर 90 प्रतिशत सुनिश्चित था." उन्होंने कहा, "लेकिन मेरे भाई ने मुझे कहा कि 2011 में विश्वकप का फाइनल मुंबई में होगा और क्या तुम उस खूबसूरत ट्रॉफी को अपने हाथ में थामने की कल्पना कर सकते हो."