दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sports

अरुण धूमल ने दिए संकेत, चीनी कंपनी के साथ करार खत्म नहीं करेगा BCCI -  अरुण धूमल

बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल का कहना है कि आईपीएल में चीनी कंपनी से आ रहे पैसे से भारत को ही फायदा हो रहा है, चीन को नहीं. बीसीसीआई को वीवो से सालाना 440 करोड़ रुपये मिलते हैं जिसके साथ पांच साल का करार 2022 में खत्म होगा.

Arun Dhumal
Arun Dhumal

By

Published : Jun 19, 2020, 9:05 AM IST

नई दिल्ली:चीन के साथ मौजूदा तनाव के बाद लोगों के चीनी सामानों के विरोध के बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अगले सत्र के लिए अपनी प्रायोजन नीति की समीक्षा के लिए तैयार है, लेकिन आईपीएल के मौजूदा टाइटल स्पॉन्सर वीवो से करार खत्म करने का कोई इरादा नहीं है.

बोर्ड के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल का कहना है कि आईपीएल में चीनी कंपनी से आ रहे पैसे से भारत को ही फायदा हो रहा है, चीन को नहीं. सीमा पर गलवान में दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव के बाद चीन विरोधी माहौल गर्म है.

आईपीएल

चार दशक से ज्यादा समय में पहली बार भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसा में कम से कम 20 भारतीय जवान शहीद हो गए. उसके बाद से चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग की जा रही है.

धूमल ने हालांकि कहा कि आईपीएल जैसे भारतीय टूर्नामेंटों के चीनी कंपनियों द्वारा प्रायोजन से देश को ही फायदा हो रहा है. बीसीसीआई को वीवो से सालाना 440 करोड़ रुपये मिलते हैं जिसके साथ पांच साल का करार 2022 में खत्म होगा.

बीसीसीआई

धूमल ने कहा, "जज्बाती तौर पर बात करने से तर्क पीछे रह जाता है. हमें समझना होगा कि हम चीन के हित के लिए चीनी कंपनी के सहयोग की बात कर रहे हैं या भारत के हित के लिए चीनी कंपनी से मदद ले रहे हैं. "

उन्होंने कहा, "जब हम भारत में चीनी कंपनियों को उनके उत्पाद बेचने की अनुमति देते हैं तो जो भी पैसा वे भारतीय उपभोक्ता से ले रहे हैं, उसमें से कुछ बीसीसीआई को ब्रैंड प्रचार के लिए दे रहे हैं और बोर्ड भारत सरकार को 42% कर चुका रहा है."

आईपीएल

उन्होंने कहा, "इससे भारत का फायदा हो रहा है, चीन का नहीं. पिछले साल सितंबर तक मोबाइल कंपनी ओप्पो भारतीय टीम की प्रायोजक थी लेकिन उसके बाद बेंगलुरु स्थित शैक्षणिक स्टार्ट अप बायजू ने चीनी कंपनी की जगह ली. "

धूमल ने कहा कि वह चीनी उत्पादों पर निर्भरता कम करने के पक्ष में हैं लेकिन जब तक उन्हें भारत में व्यवसाय की अनुमति है, आईपीएल जैसे भारतीय ब्रैंड का उनके द्वारा प्रायोजन किए जाने में कोई बुराई नहीं है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details