हैदराबाद : इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने कोरोनावायरस खतरे के कारण गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. अनुभवी भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव का मानना है कि क्रिकेट शुरू होने के बाद इसका हल निकाल लिया जाएगा. उमेश मैदान पर ट्रेनिंग शुरू होने के बाद इसका हल निकालने को लेकर आश्वस्त हैं. हालांकि उमेश का मानना है कि लार पर बैन के साथ अचानक से खेल शुरू करना मुश्किल भी होगा. टीम इंडिया ने अभी तक प्रैक्टिस शुरू नहीं की है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में क्या फर्क है.
उमेश ने कहा, "हां, लार के बिना अचानक फिर से खेल शुरू करना मुश्किल होगा. हमने अब तक प्रैक्टिस शुरू नहीं की है. एक बार जब मैं मैदान पर उतर जाऊं और लार के इस्तेमाल के बिना खेलने की प्रैक्टिस शुरू कर दूं तो फिर मुझे पता चलेगा कि इसका क्या असर है. पुरानी गेंद के साथ यह अब भी ठीक है, लेकिन नई गेंद के साथ, मुझे नहीं पता कि लार को हटाने के बाद यह कितना चमकेगी." उन्होंने कहा, "सफेद गेंद कम स्विंग होती है, इसलिए टी20 फॉर्मैट के लिए यह ठीक है. लेकिन असली मुश्किल उस समय होगी जब हम टेस्ट मैच खेलेंगे. अगर हम लार का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो फिर गेंद को स्विंग कराने के लिए हमें नई तकनीकों के बारे में सोचना होगा. एक बार अभ्यास शुरू हो जाए तो हमें पता चल जाएगा कि इससे कैसे निपटना है."
ये पूछे जाने पर कि लॉकडाउन के कारण काफी लंबे समय बाद मैदान पर लौटना और अपने पुराने फॉर्म को वापस पाना कितना मुश्किल होगा, तेज गेंदबाज ने कहा कि गेंदबाज के रूप में कड़ी मेहनत और मांसपेशियों पर ध्यान लगाना अहम होगा. उन्होंने कहा, "एक पेशेवर के रूप में जब भी आप मैदान पर जाते हैं तो आप अपना 100 फीसदी देना चाहते हैं. लेकिन साथ ही आपको इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि लॉकडाउन के बाद से आप उस तरह से प्रैक्टिस नहीं कर रहे हैं, जैसे कि पहले करते थे. इसलिए शारीरिक रूप में गेंदबाजी करना और फील्डिंग करना थोड़ा मुश्किल होगा. लॉकडाउन के बाद जब हम मैदान पर लौटेंगे तो हम इस पर काम करना शुरू कर देंगे."