लाहौर: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने सोमवार को बल्लेबाज उमर अकमल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक जांच के बाद उन पर तीन साल का प्रतिबंध लगा दिया.
उनके खिलाफ यह प्रतिबंध क्रिकेट के सभी प्रारूप में लागू होगा. इसका अर्थ यह हुआ कि उमर अकमल अब तीन साल तक क्रिकेट से दूर रहेंगे.
उमर अकमल पर यह प्रतिबंध उन्हें दिए गए फिक्सिंग के एक प्रस्ताव की जानकारी बोर्ड को नहीं देने पर लगाया गया है. यह प्रस्ताव उन्हें पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के पांचवें संस्करण के शुरू होने से पहले दिया गया था.
पीसीबी के भ्रष्टाचार निरोधक संहिता की धारा 2.4.4 के तहत यह अनिवार्य है कि किसी खिलाड़ी को फिक्सिंग का कोई प्रस्ताव मिले तो वह बिना देर किए इसकी जानकारी बोर्ड को दे. ऐसा नहीं करने पर सजा का प्रावधान है.
पीसीबी ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी है. ट्वीट में बताया गया है कि यह निर्णय बोर्ड की अनुशासन समिति के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत्त) फजल-ए-मीरान चौहान ने लिया है.
पीसीबी ने लिखा, "उमर अकमल पर जस्टिस (सेवानिवृत्त) फजल ए मिरान चौहान की अध्यक्षता वाली अनुशासन समिति ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों में तीन साल का प्रतिबंध लगा दिया है."
पीसीबी ने इस मामले में उमर अकमल को 20 फरवरी को पाकिस्तान सुपर लीग के 2020 सत्र के पहले मैच से ठीक पूर्व तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. पीएसएल में क्वेटा ग्लैडिएटर्स की तरफ से भाग लेने से भी रोक दिया गया था.
उन्हें पीसीबी की भ्रष्टाचार रोधी संहिता के दो प्रावधानों के उल्लंघन का आरोपी पाया गया था. उमर ने नोटिस का जवाब देते हुए भ्रष्टाचार रोधी अधिकरण में अपील नहीं करने की बात कही थी.
इसके बाद मामले को अनुशासन समिति को सौंप दिया गया था जिसने आज (सोमवार) सुनवाई के बाद उमर को दोषी करार देते हुए तीन साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया.
बता दें कि उमर ने पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी बार अक्टूबर में खेला था. वह 16 टेस्ट, 121 वनडे, 84 टी20 मैच खेलकर क्रमश: 1003, 3194, 1690 रन बना चुके हैं. अपने करियर की प्रभावी शुरूआत करने वाले अकमल की अक्सर प्रशासकों से ठनती रही है.
उन्होंने फरवरी में लाहौर स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में एक ट्रेनर को फिटनेस टेस्ट के दौरान कथित तौर पर अपशब्द भी कहे थे.