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तेंदुलकर ने बताया उन्होंने कैसे की थी अपर कट की खोज

अपर कट के बारे में बताते हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि बाउंसरों से निपटने का तरीका यही होता है, अगर गेंद आपकी लंबाई से ज्यादा उछाल लेती है तो उसके नीचे रहकर भी आक्रामक हुआ जा सकता है.

तेंदुलकर
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Published : Nov 8, 2020, 3:57 PM IST

नई दिल्ली:भारतीय टीम के बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बताया है कि उन्होंने कभी अपर कट खेलने की प्रैक्टिस नहीं की थी न ही उन्होंने कभी जानबूझकर ये शॉट खेलने की योजना बनाई थी. अपने यूट्यूब चैनल के वीडियो में तेंदुलकर ने बताया कि 2002 के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर उन्होंने ये शॉट खेलने की कोशिश की.

सवाल-जवाब सत्र में अनुराज आंदे के प्रशंसक ने सचिन से सवाल पूछा कि क्या आपने अपर कट का अभ्यास किया या फिर आप जब खेल रहे थे तो ये शॉट आपने अचानक से खेल दिया.

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर

जवाब में तेंदुलकर ने कहा, "ये दक्षिण अफ्रीका में 2002 में हुआ. हम ब्लएमफोनटेन में टेस्ट मैच खेल रहे थे. हम पहले बल्लेबाजी कर रहे थे और मखया नतिनी ऑफ स्टम्प के पास उसी शॉर्ट ऑफ लैंग्थ पर गेंदबाजी कर रहे थे जो वो आमतौर पर करते हैं. वो बहुत कम लैंग्थ डिलेवरी डालते हैं. चूंकि वो क्रिज के बाहरी कोने से गेंदबाजी करने आ रहे थे तो मैं लाइन के बारे में अंदाजा लगा सकता था."

उन्होंने कहा, "दक्षिण अफ्रीका की पिचों पर ज्यादा उछाल होती है. इस तरह की बाउंसरों से निपटने का तरीका यही होता है कि आप गेंद के ऊपर जाएं और अगर गेंद फिर भी आपकी लंबाई से ज्यादा उछाल लेती है तो क्यों न उसके नीचे रहकर भी आक्रामक हुआ जाए."

अपर कट लगाते तेंदुलकर

उन्होंने कहा, "मैंने यही सोचा कि गेंद पर ऊपर चढ़ने और उसे जमीन पर रखते हुए मारने के बजाए उसके नीचे आकर, गेंद की तेजी का इस्तेमाल करते हुए उसे थर्डमैन बाउंड्री की तरफ खेला जाए."

तेंदुलकर ने कहा, "इस शॉट ने कई तेज गेंदबाजों को परेशान किया है क्योंकि वो बाउंसर खाली गेंद निकालने के लिए फेंकते थे, लेकिन मैंने उन्हें बाउंड्रीज में तब्दील किया. मैं किसी तरह की रणनीति नहीं बनाता. कई बार आपको अपनी स्वाभाविक भावना को मानना होता है. मैंने यही किया."

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