नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का कहना है कि टीम प्रबंधन को आज नहीं तो कल इस बात का जवाब देना होगा कि आखिरकार क्या कारण था कि भारत ने आईसीसी विश्व कप में चार विकेटकीपर मैदान पर उतारे जबकि बड़ी संख्या में प्रतिभाशाली खिलाड़ी हमारी बेंच स्ट्रैंथ का हिस्सा थे.
लोकेश राहुल को गिनते हुए भारत ने न्यूजीलैंड के साथ हुए सेमीफाइनल मैच में चार विकेटकीपर मैदान पर उतारे थे. महेंद्र सिंह धोनी, दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत अंतिम-11 का हिस्सा थे. कार्तिक, राहुल और धोनी मूल टीम का हिस्सा थे लेकिन पंत को शिखर धवन के चोटिल होने के बाद भारत से बुलाया गया था.
गौरतलब है कि कार्तिक ने पूरे विश्व कप में निराश किया, वहीं कुछ अच्छी पारियों के बावजूद धोनी की धीमी बल्लेबाजी के लिए उनकी आलोचना हुई और राहुल ने शिखर के स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए भारत को अच्छी शुरूआत दी लेकिन सेमीफाइनल में वह भी नाकाम रहे थे.
विश्व कप के बाद भारतीय टीम के पूर्व कप्तान गावस्कर ने भारतीय टीम को लेकर कई गम्भीर सवाल खड़े किए है. गावस्कर ने कहा कि चार विकेटकीपर क्यों खिलाए गए, इसका जवाब टीम प्रबंधन को देना होगा और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआती तीन बल्लेबाजों के बाद भारतीय बल्लेबाजी सिर्फ औपचारिकता रह गई थी, उसमें किसी प्रकार की गहराई नहीं थी और इसकी झलक सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ देखने को मिली.
मिडिल आर्डर रहा बुरी तरह फ्लॉप
गावस्कर ने कहा, " इस विश्व कप में हमारी बल्लेबाजी नम्बर-3 के बाद थी ही नहीं. अगर रोहित, विराट और राहुल रन नहीं बनाते तो हम हमेशा मुश्किल में होते. सेमीफाइनल में हमारे साथ यही हुआ."
चयनकर्ताओं की भी आलोचना की