नई दिल्ली : आईपीएल खेल रहे कई खिलाड़ियों ने कहा है कि विश्वकप टीम में जगह बनाने को लेकर वो अभी कुछ नहीं सोच रहे हैं लेकिन ये वास्तविकता है कि आईपीएल में खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर चयनकर्ताओं की नजर है.
चेन्नई के कोच फ्लेमिंग ने हाल में कहा था, 'वो (रायडू) इसे अपने दिमाग से बाहर निकाल सकता है और ये कोचिंग का एक पहलू है जिसे हम कुछ खिलाड़ियों के मामले में लागू करना चाहेंगे. उन्हें इस तरह के विचारों से पूरी तरह से मुक्त रखना.
रायडू को चेन्नई के लिए इस तरह से खेलते देखना चाहते हैं फ्लेमिंग - आईपीएल
इंडियन प्रीमियर लीग में कोचिंग काफी हद तक मानव प्रबंधन से जुड़ा है, लेकिन अब जबकि विश्व कप करीब है और खिलाड़ियों के दिमाग में चयन की बातें भी चल रही हैं तब टीम के कोच की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है.
![रायडू को चेन्नई के लिए इस तरह से खेलते देखना चाहते हैं फ्लेमिंग](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/768-512-2886860-690-a1051131-221a-4dfe-9fdb-b530745edbb1.jpg)
रायडू की भूमिका अलग
फ्लेमिंग से पूछा गया कि वह रायडू के मामले में कैसे निबटते हैं, उन्होंने कहा कि चेन्नई की टीम में इस बल्लेबाज की भूमिका भारतीय टीम में 50 ओवरों के मैच की भूमिका से पूरी तरह भिन्न है.उन्होंने कहा, 'उसे हमारे साथ एक छोर संभाले रखकर खेलने की जरूरत नहीं है. हम चाहते हैं कि वह स्वतंत्र होकर खेले और केवल एक छोर संभाले रखने पर ध्यान न दे. उसने उस दिन (रायल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ पहले मैच में) जिस तरह से परिस्थितियों के अनुरूप बल्लेबाजी की वो मुझे पसंद आयी और मैं उसे इसी तरह की स्वतंत्रता के साथ खेलते हुए देखना चाहता हूं.