गॉल: श्रीलंका ने लाहिरू तिरिमाने के आठ साल में पहले टेस्ट शतक से रविवार को यहां पहले टेस्ट के चौथे दिन दूसरी पारी में 359 रन बनाकर इंग्लैंड को जीत के लिए 74 रन का लक्ष्य दिया जिसने स्टंप तक तीन विकेट गंवाकर 38 रन बना लिए. दिन का खेल समाप्त होने तक जॉनी बेयरस्टो (11 रन) और डैन लारेंस सात रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे.
इंग्लैंड ने पहले ही ओवर में सलामी बल्लेबाज डॉम सिबले (02) का विकेट गंवा दिया. जिसके बाद दूसरी सलामी बल्लेबाज जैक क्रॉले (08) भी सस्ते में पवेलियन लौट गए. दोनों विकेट लसिथ एम्बुलडेनिया (13 रन देकर दो विकेट) ने हासिल किए. वहीं पहली पारी में दोहरा शतक जड़ने वाले कप्तान जो रूट (एक रन) रन आउट हो गए.
इससे पहले श्रीलंका ने चायकाल के बाद अपने स्कोर में तीन विकेट गंवाकर 57 रन जोड़े और दूसरी पारी 359 रन पर समाप्त की. जिसमें तिरिमाने के 111 रन के अलावा 87 टेस्ट के अनुभवी एंजेलो मैथ्यूज ने 71 रन बनाए. वहीं सलामी बल्लेबाज कुसल परेरा ने 62 रन की अर्धशतकीय पारी खेली थी.
श्रीलंका ने पहली पारी में 135 रन बनाए थे जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 421 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया था. इंग्लैंड ने स्पिनरों की बदौलत दूसरे सत्र और तीसरे सत्र में सफलताएं हासिल कीं. बाएं हाथ के स्पिनर जैक लीच ने 122 रन देकर पांच विकेट चटकाए जबकि ऑफ स्पिनर डॉम बेस ने 100 रन देकर तीन विकेट झटके.
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श्रीलंकाई टीम पहली पारी के हिसाब से 286 रन से पिछड़ रही थी, लेकिन तिरिमाने के शतक की बदौलत वह इसे पीछे छोड़ने में सफल रही. तीसरे सत्र में श्रीलंका के तीनों विकेट लीच के नाम रहे जिन्होंने पीडब्ल्यूएच डि सिल्वा, दिलरूवान परेरा और अंत में मैथ्यूज का विकेट झटका. बेस ने कार्यवाहक कप्तान दिनेश चांदीमल को लंच के बाद पहले ओवर में स्लिप में कैच कराया.
निरोशन डिकवेला (29) ने मैथ्यूज के साथ 48 रन जोड़े लेकिन इस ऑफ स्पिनर के खिलाफ लूज कट शॉट खेलने के बाद विकेटकीपर जोस बटलर को कैच देकर आउट हुए. लीच ने दासुन शनाका (04) को फुल पिच गेंद से बोल्ड किया.
इससे पहले श्रीलंका ने सुबह दो विकेट पर 156 रन से आगे खेलना शुरू किया. तिरिमाने ने 251 गेंदों का सामना करके 12 चौकों की मदद से 111 रन बनाए. सैम कुरेन (37 रन देकर दो विकेट) ने तिरिमाने को विकेटकीपर जोस बटलर के हाथों कैच कराकर इंग्लैंड को महत्वपूर्ण सफलता दिलाई. बेस ने कल के अविजित बल्लेबाज लेसिथ इम्बुलडेनिया (शून्य) को दूसरे ओवर में ही आउट कर दिया था.
अगर नियमित कप्तान दिमुथ करुणारत्ने चोटिल होने के कारण बाहर नहीं होते तो तिरिमाने को मौका नहीं मिलता. उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया अपने करियर का दूसरा शतक लगाया. उन्होंने अपना पहला सैकड़ा आठ साल पहले बांग्लादेश के खिलाफ इसी मैदान पर बनाया था.