नई दिल्ली: बरसों तक नानुकुर करने के बाद आखिरकार भारतीय क्रिकेट बोर्ड शुक्रवार को राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) के दायरे में आने को तैयार हो गया और इस तरह से वह वित्तीय रूप से स्वायत्त होने और अनिच्छा के बावजूद राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) बनने के करीब पहुंच गया है.
अब तक स्वीडन का अंतरराष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रबंधन (आईडीटीएम) क्रिकेटरों के नमूने एकत्रित करता है और इन्हें राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) को सौंपता रहा है.
जुलानिया ने बीसीसीआई अधिकारियों से मुलाकात के बाद कहा, "आईडीटीएम बाहरी एजेंसी थी जिसे बीसीसीआई ने रखा था. अब यह एजेंसी नाडा होगी. मैंने बीसीसीआई को बता दिया है कि आपके पास कानून का पालन करने या नहीं करने का कोई विकल्प नहीं है. कानून सभी के लिए बराबर है."