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दृष्टिबाधित महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट से जुड़े ब्रायन लारा और स्मृति मंधाना - ब्रायन लारा

भारतीय महिला स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना और विंडीज के महान क्रिकेटर ब्रायन लारा ने क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड इन इंडिया द्वारा आयोजित दृष्टिबाधित महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट से जुड़ने का फैसला किया है.

Smriti Mandhana and Brian lara
Smriti Mandhana and Brian lara

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Published : Dec 14, 2019, 8:46 PM IST

नई दिल्ली : क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड इन इंडिया ने समर्थनम ट्रस्ट फॉर द ब्लाइंड के साथ मिलकर दृष्टिबाधित महिलाओं के लिए पहली बार राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित कराने का फैसला किया है. भारत की अग्रणी महिला क्रिकेट खिलाड़ी स्मृति मंधाना इस अभियान में सीएबीआई के साथ हैं. ऐसे में सीएबी को आशा है कि वो प्रतिभाशाली महिला क्रिकेटरों की इच्छाओं को पूरा करते हुए उन्हें आने वाली पीढ़ी के लिए रोल मॉडल के रूप में तैयार करने में सफल होगा.

दृष्टिबाधित महिलाएं

सीएबीआई को आशा है कि उसके इस प्रयास में बीसीसीआई का भी समर्थन और सहयोग प्राप्त होगा. सीएबीआई के अधिकारी हाल ही में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली और संयुक्त सचिव जयेश शाह से इस सम्बंध में मिले थे.

इस टूर्नामेंट को समर्थनम विमेंस नेशनल क्रिकेट टूर्नामेंट फॉर ब्लाइंड 2019 नाम दिया गया है. इसका आयोजन 16 से 19 दिसम्बर के बीच होना है और इसे वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा का पूरा सहयोग प्राप्त है.

लारा ने कहा, "विक्लांगता कभी भी किसी के सपने की राह में बाधा नहीं बन सकती. मैं सीएबीआई और समर्थनम ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना करता हूं. मेरा मानना है कि दुनिया भर में कहीं भी अगर इतने मजबूत स्टेकहोल्डर्स एक साथ आएंगे तो फिर ब्लाइंड क्रिकेट को आगे जाने से कोई नहीं रोक सकता. इस तरह के टूर्नामेंट प्रतिभाशाली महिलाओं के लिए एक शानदार प्लेटफार्म साबित होंगे. इस तरह के आयोजनों से ये महिलाओं सशक्त होंगी."

टूर्नामेंट में सात टीमें भाग ले रही हैं। इनमें दिल्ली, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की टीमें शामिल हैं. ये टीमें दिल्ली के तीन मैदानों सिरी फोर्ट स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, डीडीए स्पोर्ट्स कॉपम्लेक्स और जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में एक-दूसरे के खिलाफ मैदान पर उतरेगीं.

टूर्नामेंट का फाइनल सिरी फोर्ट स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में 19 दिसंबर को खेला जाएगा.

सीएबीआई के अध्यक्ष और वर्ल्ड ब्लांइड क्रिकेट के प्रमुख जी. महंतेश ने कहा, "पिछले 10 वर्षो से महिला क्रिकेट मुख्यधारा में थी और हमारा ऐसा मानना है कि उन्हें भी खेलने का समान अधिकार मिलना चाहिए. 2010 में समर्थनम द्वारा सीएबीआई को इसकी पूरी जिम्मेदारी देने के बाद हमने तुरंत ही इस पर काम करना शुरू कर दिया है. हमें इस बात का बेहद गर्व है कि आखिरकार हम इसे लागू कर सके."

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ ब्लाइंड के नार्थ जॉन सेक्रेटरी शलैंद्र यादव ने कहा, "न केवल खेल में बल्कि उनको सशक्त बनाने की दिशा में हमने खिलाड़ियों के बीच कमाल की क्षमता देखी है. उन्हें अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने के लिए हमें उन्हें एक प्लेटफॉर्म और आवाज देना चाहते हैं. मुझे विश्वास है कि ये महिलाएं काफी आगे तक जाएंगी और देश की अन्य लड़कियों के लिए प्ररेणा बनेंगी."

टूर्नामेंट की इन सात टीमों में ओडिशा की टीम खिताब की मजबूत दावेदार मानी जा रही है. टीम सीएबीआई द्वारा आयोजित द्विपक्षीय सीरीज में खेल चुकी हैं। विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रह चुके ओडिशा टीम के मेंटर मोहम्मद इकबाल जफर टूर्नामेंट के इस पहले संस्करण में इतिहास रचना चाहेंगे.

दिल्ली की टीम भी इस खिताब की दावेदार मानी जा रही हैं. टीम की 60 खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अनुभव है और इनमें से आगामी टूर्नामेंट में प्रतिनिधित्व करने के लिए 16 खिलाड़ियों को चुना गया है.

भारत और विश्व में पुरुषों के लिए ब्लाइंड क्रिकेट शुरू करने के बाद सीएबीआई का लक्ष्य अब महिला क्रिकेट को भी आगे ले जाने में मदद करना है। इसके लिए वह ऐसी महिला खिलाड़ियों की तलाश कर रहा है कि जो महिला ब्लाइंड क्रिकेट को भविष्य में नई ऊचाईंयों पर ले जा सके.

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