नई दिल्ली: नरसिम्हा राज्य संघों की बात सुनेंगे और प्रशासकों की समिति (सीओए) को सुझाव देंगे. बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि ये कदम राज्य संघों के लिए बड़ी राहत की बात है. अधिकारी ने कहा कि अब राज्य संघों के पास अपनी बात को रखने के लिए विकल्प है.
अधिकारी ने कहा, "ये कई राज्य संघों के लिए बड़ी राहत की बात है जो सर्वोच्च अदालत द्वारा बनाए गए नए संविधान के उल्लंघन को लेकर सीईओ द्वारा दाखिल किए गए एफिडेविट से हैरान थे. नए संविधान के मुताबिक, सिर्फ कार्यकारी सचिव ही बीसीसीआई की तरफ से एफिडेविट फाइल कर सकता है."
सभी अदालतों को रोक
सर्वोच्च अदालत ने न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति ए. एम. सप्रे की पीठ द्वारा सुने जा रहे बीसीसीआई और उससे मान्यता प्राप्त राज्य संघों के बीच के मामले को लेकर किसी भी तरह की अपील पर सुनवाई से देश की सभी अदालतों को रोक दिया है.