नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर समय-समय पर संजू सैमसन की तारीफ करते रहे हैं. वहीं उनके आलोचक यह कहते हुए सैमसन को नकारते रहे हैं कि उनमें निरंतरता की कमी है. ऐसे में जब टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने साफ कर दिया है कि अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए टीम में विकेटकीपर की जगह अभी भी खाली है तो सभी के दिमाग में सवाल यही है कि क्या सैमसन वो स्थान भर सकते हैं.
सैमसन को हाल ही में विंडीज सीरीज के लिए चोटिल शिखर धवन के स्थान पर भारतीय टी-20 टीम में जगह मिली है.
सैमसन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह विकेटकीपिंग के लिए तैयार हैं और निरंतरता वो चीज नहीं है जिसके कारण उन्हें परेशानी आ रही हो. सैमसन ने कहा कि उनके लिए टीम की जीत में योगदान देना प्राथमिकता है.
केरल से आने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, "मैंने निरंतरता बारे में नहीं सोचा है कि यह एक मुद्दा है. मैंने जो समझा है वो यह है कि मैं थोड़ा अलग तरह का खिलाड़ी हूं और मुझे लगता है कि मैं मैदान पर जाकर गेंदबाजों पर हावी हो सकता हूं. ऐसा हो सकता है कि जब मैं निरंतरता पर ध्यान दूं तो मैं अपनी स्टाइल खो बैठूं. निरंतरता लाने के लिए मैं अपने खेलने की शैली में बदलाव नहीं कर सकता."
उन्होंने कहा, "मैं चीजों को एकदम सरल रखना चाहता हूं. अगर मुझे पांच पारियां मिलती हैं तो मैं एक या दो पारियों में बड़ा स्कोर करना चाहूंगा और अपनी टीम के लिए मैच जीतना चाहूंगा. मेरी पारी में निरंतरता मेरी टीम को मैच नहीं जिता सकती। टीम के लिए मैच जीतने के लिए जरूरी है कि मैं लाजवाब पारी खेलूं। मैं इस तरह से सोचता हूं।"
विकेटकीपिंग के सवाल पर सैमसन ने कहा कि वह इससे कभी भी पीछे नहीं हटते और इस तरह के फैसले लेना टीम प्रबंधन पर है.
सैमसन ने बताया, "मैं पिछले पांच-छह साल से केरल के लिए सीमित ओवरों में विकेटकीपिंग कर रहा हूं. मैंने रणजी ट्रॉफी में भी की है. मैं इसे विकल्प के तौर पर रखता हूं. जो भी टीम चाहेगी वो मैं करूंगा. आईपीएल में जब मेरी टीम ने चाहा मैंने विकेटकीपिंग की, लेकिन जब उन्हें लगा कि मैं फील्डिंग से योगदान दे सकता हूं तो मैंने वैसा किया. मैंने अपने आप को एक कीपर और फील्डर दोनों के तौर पर तैयार किया है क्योंकि आप नहीं जानते कि टीम क्या देख रही है."