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MPCA के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने दिया इस्तीफा

देश के शीर्ष क्रिकेटरों के खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत दर्ज कराने वाले संजीव गुप्ता ने मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ की आजीवन सदस्यता छोड़ दी है. उन्होंने इस्तीफे का ई-मेल भी भेज दिया है साथ ही इस्तीफे की हार्ड कॉपी भी पोस्ट कर दी है.

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Published : Jul 19, 2020, 8:51 AM IST

Sanjeev Gupta
Sanjeev Gupta

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और शनिवार को ही इसकी जानकारी संघ के सचिव तथा प्रबंधक समिति को दे दी है.

उन्होंने ई-मेल भी भेज दिया है साथ ही इस्तीफे की हार्ड कॉपी भी पोस्ट कर दी है.

गुप्ता ने हाल ही में बीसीसीआई के लोकपाल को कई हितों के टकराव संबंधी मेल लिखे थे और कप्तान विराट कोहली पर भी हितों के टकराव के आरोप लगाए थे कि वे उस फर्म की सहायक फर्म के निदेशक है जो उनके व्यावसायिक हितों का प्रबंधन करती है.

मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ

इस मामले से संबंध रखने वाले एक सूत्र ने कहा, "एमपीसीए के आजीवन सदस्य दिलीप चडकर और प्रसून कानमाडिकर ने संजीव गुप्ता को एमपीसीए के आजीवन सदस्य से हटाने की शिकायत की थी क्योंकि उन्होंने एमपीसीए के नियमों का उल्लंघन किया था. उन्होंने बीसीसीआई को लिखी अपनी शिकायतों में एमपीसीए के सदस्य शब्द का उपयोग किया था. शिकायतों की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने निकाले जाने से बेहतर इस्तीफा देना समझा."

ज्योतिरादित्य सिंधिया और संजय जगदाले सहित अन्य लोगों को पिछले सप्ताह लिखे पत्र में उन्होंने इस बात को कबूल किया था कि उन्होंने दूसरे के कहने पर उनकी तरफ से वो शिकायती मेल भेजे थे.

बोर्ड के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि उनका खुद का कबूलनामा जिसमें वो कह रहे हैं कि उन्हें दूसरों ने उनसे उनकी तरफ से शिकायत करने के लिए कहा था, बताता है कि उनका उपयोग भारतीय क्रिकेट की कार्यप्रणाली को रोकने की साजिश के लिए किया गया.

बीसीसीआई

अधिकारी ने बताया, "उन्होंने भारतीय क्रिकेट का पहले से ही काफी नुकसान कर दिया है. उनका कबूलनामा कि उन्होंने दूसरे के कहने पर शिकायत की थी, साबित करता है कि उनकी शिकायतें उतनी नुकसानदायक नहीं थी जितनी उन्होंने बताई थीं और वह सिर्फ क्रिकेट संस्थाओं में उथल-पुथल मचाने की चाल में प्यादे की तरह उपयोग में लिए गए थे."

उन्होंने कहा कि सीएजी ने भी अपनी शिकायत में सुप्रीम कोर्ट में इस बात को रखा था. उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट में सीएजी की तरफ से दाखिल की गई अपील में कहा गया था कि ज्यादा मात्रा में आ रही शिकायतें उनका बोझ बढ़ा रही हैं, जिसमें से अधिकतर हितों के टकराव की हैं."

बता दें कि गुप्ता ने सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली के खिलाफ तब शिकायत की थी जब वे क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य थे. समिति भंग होने के बाद उनकी शिकायत भी बेमानी हो गई.

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