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लारा के मुकाबले सचिन को आउट करना मुश्किल था : गिलेस्पी

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Published : Apr 20, 2020, 7:47 AM IST

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी ने अपने करियर के दौरान सचिन और लारा को आउट करना काफी मुश्किल बताया है.

former Australia fast bowler Jason Gillespie
former Australia fast bowler Jason Gillespie

मुंबई : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा दोनों को आउट करने में मुश्किल होती थी लेकिन लारा की अपेक्षा सचिन को आउट करना ज्यादा मुश्किल था.

ब्रायन लारा

मेरे लिए ये सम्मान की बात

एक चैट शो ने गिलेस्पी के हवाले से लिखा है, "दोनों अलग तरह के खिलाड़ी थे, दोनों समान तरीके से मुश्किल. मुझे हमेशा लगता है कि सचिन को विकेट लेना थोड़ा मुश्किल होता था हालांकि वो लारा की तरह आपको मारते नहीं थे.''

सचिन तेंदुलकर

उन्होंने कहा, "दोनों शानदार खिलाड़ी हैं. मैं इस बात से खुश हूं कि मुझे अब इन दोनों को गेंदबाजी नहीं करना पड़ती. ये दोनों बेहतरीन थे. मेरे लिए ये सम्मान की बात है कि मैं आपके सामने बैठकर यह बता रहा हूं कि मैंने इन दोनों को गेंदबाजी की."

चेतेश्वर पुजारा और ईशांत शर्मा ने मुझे काफी प्रभावित किया

ईशांत शर्मा

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी इंग्लिश काउंटी में अपनी कोचिंग में खेलने वाले भारत के ईशांत शर्मा की सीखने की ललक को देखकर काफी प्रभावित हुए थे. इसके अलावा गिलेस्पी मानते हैं कि चेतेश्वर पुजारा को कांउटी में खेलकर काफी अनुभव मिला.ईशांत काउंटी में खेलने से पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित कर चुके थे. अभी तक 97 टेस्ट में 297 विकेट चटका चुका यह भारतीय 2018 में ससेक्स काउंटी के लिए खेला था, तब गिलेस्पी उस टीम के कोच थे.

गिलेस्पी ने एक चैट शो में कहा, "आपको पता है कि ईशांत की किस चीज ने सचमुच मुझे प्रभावित किया, वह थी उसकी नई जानकारी हासिल करने की ललक, दूसरों को सुनने की इच्छा, सवाल पूछना, नई चीजों को आजमाना. क्योंकि कभी कभार जब आप सीनियर और अनुभवी खिलाड़ी बन जाते हो तो आप अपनी ही तरह की चीजें करते हो."

चेतेश्वर पुजारा

यॉर्कशर में पुजारा हमारी टीम में थे

भारतीय बैटिंग लाइनअप में डिपेंडेबल बल्लेबाज पुजारा के बारे इस पूर्व गेंदबाज ने कहा, "यॉर्कशर में पुजारा हमारी टीम में थे और मैं तब वहां मुख्य कोच था. हमें शीर्ष तीन में एक बल्लेबाज की जरूरत थी, जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हमारे लिए अच्छा खेले और अच्छी गेंदबाजी के खिलाफ डटे रहे."

पुजारा के 2015 में यॉर्कशर की ओर से खेलने के बारे में बात करते हुए गिलेस्पी ने कहा, "पुजारा उस स्थान के लिए बिलकुल फिट रहे. उन्होंने इसे चुनौती के तौर पर लिया और इंग्लिश हालात में ड्यूक गेंद के खिलाफ चुनौती बतौर खिलाड़ी उनके लिए अच्छी परीक्षा रही. यह उनके लिए अच्छा अनुभव रहा." गिलेस्पी को लगता है कि काउंटी क्रिकेट में खेलने से पुजारा को काफी मदद मिली.

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