ढाका:बांग्लादेश क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रसेल डोमिंगो टीम के अंदर ऐसा माहौल तैयार करना चाहते हैं जहां खिलाड़ी शारीरिक और मानसिक पहलुओं से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात करें.
डोमिंगो इसके साथ ही खिलाड़ियों से अपने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर पूरी ईमानदारी की उम्मीद करते हैं.
डोमिंगो का बयान पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा के उस बयान के बाद आया है, जिसमें मुर्तजा ने कहा था कि विश्व में अन्य खिलाड़ियों की तुलना में उन्हें अपने मानिसक मुद्दों पर बात करने का ज्यादा मौका नहीं मिला.
डोमिंगो ने कहा, "जहां तक मानसिक थकान की बात है तो मैं चाहता हूं कि खिलाड़ियों को इस मामले में ईमानदार होना चाहिए और उन्हें खुलकर अपनी बात रखनी चाहिए."
उन्होंने कहा, "सभी खिलाड़ी उन पहलुओं के बारे में बात करने के लिए सहज नहीं होंगे, लेकिन हम एक ऐसा वातावरण बनाना चाहते हैं, जहां हमारी टीम में हमारे खिलाड़ी इस बारे में खुलकर बात कर सकें कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं और क्या उन्हें ब्रेक की जरूरत है और क्या यह मानसिक या शारीरिक है."
रसेल डोमिंगो और डेनियल विटोरी बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल ने अपनी अज्ञात समस्याओं से निबटने के लिए जब खेल से विश्राम लिया था तब क्रिकेटरों के मानसिक स्वास्थ्य का मसला सामने आया था.
इसके बाद युवा बल्लेबाज निक मैडिसनसन भी इस दौर से गुजरे. इंग्लैंड के खिलाड़ी जैसे स्टीव हार्मिसन, मार्कस ट्रैस्कोथिक और ग्रीम फाउलर भी अवसाद के दौर से गुजर चुके हैं.