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रोहित की कप्तानी धोनी से काफी मिलती-जुलती है: सुरेश रैना - Suresh Raina on Rohit Sharma

सुरेश रैना ने कहा है कि रोहित का शांत स्वाभाव और उनकी खिलाड़ियों को प्रेरित करने की क्षमता धोनी के समान है.

Dhoni and Rohit
Dhoni and Rohit

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Published : May 22, 2020, 7:05 PM IST

नई दिल्ली: भारत की सीमित ओवरों की टीम के उप-कप्तान रोहित शर्मा की कप्तानी शैली विराट कोहली से काफी अलग दिखती है और कहा जाता है कि रोहित की कप्तानी पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी जैसी है.

सुरेश रैना ने कहा है कि रोहित का शांत स्वाभाव और उनकी खिलाड़ियों को प्रेरित करने की क्षमता धोनी के समान है.

रैना ने कहा, "रोहित की कप्तानी धोनी से काफी मिलती-जुलती है. वह जिस तरह से शांत रहते हैं और जिस तरह से खिलाड़ियों को प्रेरित करते हैं. वह बिंदास हैं, वह जानते हैं कि वह जब भी बल्लेबाजी करने जाएंगे तो रन बनाएंगे. इस तरह का आत्मविश्वास जिस खिलाड़ी में होता है तो बाकी खिलाड़ियों को भी उससे सीखने को मिलता है.. मुझे रोहित के बारे में यह बात पसंद है."

सुरेश रैना

रैना ने एक यूट्यूब पेज पर कहा, "मैंने हाल ही में पुणे के खिलाफ खेला गया फाइनल देखा. रोहित ने कप्तान के तौर पर दो-तीन अच्छे बदलाव किए थे. मुश्किल स्थिति में जिस तरह से उन्होंने ड्राई विकेट पर बीच ओवरों में बदलाव किए, जिस तरह से उन्होंने दबाव हटाया, उसको देखकर लगता है कि वह सारे फैसले खुद ले रहे हैं. हां, बाहर से निश्चित तौर पर सलाह आ रही होगी लेकिन अपने दिमाग में वह जानते हैं कि उन्हें क्या करना है. एक कप्तान के तौर पर वह ज्यादा ट्रॉफियां जीतें इसमें हैरानी नहीं होगी."

रोहित शर्मा

अपने बैटिंग पोजिशन को लेकर रैना ने कहा, "मैंने कभी अपने बैटिंग ऑर्डर को लेकर धोनी से सवाल नहीं किया. 2015 वर्ल्ड कप में उन्होंने मुझे बैटिंग ऑर्डर में एक मैच में ऊपर भेजा था और मैंने उस मैच में 70-80 रन बनाए थे. मैंने उस दिन शाम में उनसे पूछा था कि उन्हें कैसे पता था कि मैं बैटिंग ऑर्डर में ऊपर जाकर रन बनाऊंगा. उन्होंने कहा कि विरोधी टीम के पास दो लेग स्पिनर थे और उन्हें पता था कि मैं लेग स्पिनरों को ज्यादा अच्छे से खेलता हूं. मैं आज भी उन दिनों के बारे में सोचता हूं."

सुरेश रैना और महेंद्र सिंह धोनी

रैना ने आगे कहा, "लेकिन मैं जानता हूं कि धोनी हमेशा हम लोगों से एक कदम आगे की सोचते थे क्योंकि जब कोई व्यक्ति स्टंप के पीछे खड़ा होता है, तो वो सबकुछ बहुत करीब से देख रहा होता है और वो गलत नहीं हो सकता है. उन्हें पता होता था कि गेंद कितना स्विंग हो रही है, विकेट से कितना स्पिन मिल रहा है. भगवान से उन्हें यह खास तोहफा मिला था और यही वजह है कि वो इतने सफल कप्तान रहे."

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