दुबई : आईसीसी की आडिट समिति का स्वतंत्र चेयरमैन इस प्रक्रिया की निगरानी करेगा. क्रिकेट की वैश्विक संस्था ने हालांकि कई उम्मीदवारों की मौजूदगी में मतदान प्रक्रिया को लेकर रुख साफ नहीं किया. अगर चुनाव मौजूदा नियमों के अनुसार होते हैं तो उम्मीदवार को आईसीसी बोर्ड के 17 सदस्यों के दो तिहाई मतों की जरूर पड़ेगी जो 11 या 12 मत होते हैं.
हालांकि कुछ समस्य देश सामान्य बहुमत से मतदान चाहते हैं जहां चुनाव जीतने के लिए नौ मत पर्याप्त होंगे. यही कारण है कि आईसीसी ने कहा है कि अगला चेयरमैन दिसंबर से ही पद संभाल पाएगा.
आईसीसी ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘प्रकिया शुरू हो चुकी है जिसकी निगरानी आईसीसी आडिट समिति का स्वतंत्र चेयरमैन करेगा और पहला चरण संभावित उम्मीदवारों का नामांकन है जो मौजूदा बोर्ड आफ डायरेक्टर्स को 18 अक्टूबर 2020 तक करना है.''
जुलाई में मनोहर के पद छोड़ने के बाद इमरान ख्वाजा कार्यवाहक चेयरमैन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. वो आईसीसी के उप चेयरमैन हैं. आईसीसी ने कहा, ''अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद बोर्ड आज पुष्टि करता है कि उसके अगले चेयरमैन के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसके दिसंबर की शुरुआत में संपन्न होने की उम्मीद है.''
नामांकन की पक्रिया हालांकि पहले ही तरह रहेगी जिसमें बोर्ड आफ डायरेक्टर एक उम्मीदवार को नामांकित करता है और दूसरा निदेशक उसका अनुमोदन करता है. विज्ञप्ति के अनुसार, ''जैसा की आईसीसी संविधान में कहा गया है, पात्र होने के लिए, संभावित उम्मीदवार मौजूदा या पूर्व आईसीसी निदेशक होना चाहिए.''
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नामांकन और चुनाव प्रक्रिया के बीच डेढ़ महीने का समय रखा गया है जिससे कि अगर संभव हो तो सर्वसम्मति बनाई जा सके. वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक समाचार एजेंसी को बताया, ''आपको समझना होगा कि विलंब का मुख्य कारण उम्मीदवार को लेकर सर्वसम्मति नहीं बन पाना है. अन्यथा एक जुलाई को शशांक के पद छोड़ने के बाद आपको पांच महीने का समय नहीं लगता और अगला चेयरमैन संभवत: दिसंबर में प्रभार संभालेगा.''
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली
उन्होंने कहा, ''कम से कम दो ताकतवार बोर्ड सामान्य बहुमत चाहते हैं जबकि एक बोर्ड विपरीत रुख अपना रहा है जिसमें पूर्व आईसीसी प्रमुख शामिल है.'' जहां तक संभावित उम्मीदवारों का सवाल है तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने एक टीवी चैनल को साक्षात्कार में कहा था कि 48 साल की उम्र में क्रिकेट प्रशासन में उनके पास काफी समय है और अपने स्वयं के क्रिकेट बोर्ड के संचालन पर ध्यान लगाते हुए उन्हें अपनी बारी का इंतजार करने में कोई परेशानी नहीं है.
आईसीसी अध्यक्ष रह चुके पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष एहसान मनी भी स्पष्ट कर चुके हैं कि उनके देश के प्रधानमंत्री इमरान खान चाहते हैं कि वह अपने देश के क्रिकेट बोर्ड में योगदान दें. इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन कोलिन ग्रेव्य बीसीसीआई के समर्थन से एक समय मनोहर की जगह लेने के लिए प्रबल दावेदार थे लेकिन तब से स्थिति बदल चुकी है.
अगर चुनाव होता है तो मौजूदा कार्यवाहक चेयरमैन ख्वाजा के लिए दो तिहाई बहुमत हासिल करना मुश्किल होगा. क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के पूर्व प्रमुख क्रिस नेनजानी और क्रिकेट वेस्टइंडीज के पूर्व प्रमुख डेव कैमरन भी शीर्ष पद पर काबिज होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं और ऐसे में चुनाव की प्रक्रिया तय करने की आईसीसी निदेशक मंडल की राह आसान नहीं होगी.