दिल्ली

delhi

#MeToo मामले में BCCI सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ याचिका दायर

By

Published : Apr 18, 2019, 5:12 PM IST

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला एक बार फिर से गरमा गया है. इन आरोपों का हवाला देते हुए एक महिला कार्यकर्ता रश्मि नायर ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है.

Plea Filed Against Rahul Johri in SC for allegations in MeToo case

नई दिल्ली:यौन उत्पीड़न के आरोपों का हवाला देते हुए एक वकील ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सीईओ राहुल जौहरीकी निरंतरता को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है. रश्मि नायर नामक महिला कार्यकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करते हुए इस पर जोर दिया कि बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन को जौहरी के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर दोबारा ध्यान देना चाहिए.

Tweet

याचिका में कहा गया, "जौहरी का हर एक संगठन में रंगीन इतिहास रहा है और वह धमकी, जबरदस्ती या लालच द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों से बचकर निकलने में सफल रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने यह भी जानने की मांग की है कि इस मामले को जांच के लिए हाल में नियुक्त लोकपाल क्यों नहीं सौंपा गया? नायर ने अपनी याचिका में उन तीन महिलाओं का हवाला दिया जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया था.

याचिका के अुनसार, "तीनों महिलाएं बयान देने के लिए आई थीं, लेकिन किसी कारण से एक महिला ने बयान नहीं दिया जबकि अन्य दो ने जौहरी के खिलाफ बयान दिया."

योचिका में कहा गया, "टीम के जांच पूरा करने के बाद उसके सदस्यों के बीच मतभेद था। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राकेश शर्मा, बरखा सिंह और वीना गौड़ा में से एक सदस्य (गौड़ा) ने जौहरी को दोषी पाया, लेकिन फिर भी उसे क्लीन चिट दे दी गई."

यह भी पढ़ें- लक्ष्मण और रायडू : दो हैदराबादियों की एक कहानी

स्वतंत्र समिति की रिपोर्ट में राकेश शर्मा और बरखा सिंह ने जौहरी को क्लीन चिट दे दी जबकि गौड़ा ने कहा था कि 'बर्मिघम में जौहरी का आचरण, बीसीसीआई जैसी संस्था के सीईओ के रूप में पेशेवर और उचित नहीं है. यह संस्था की प्रतिष्ठा को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा और इसपर संबंधित अधिकारियों द्वारा ध्यान दिया जाना चाहिए.'

गौरतलब है जौहरी उस समय 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए इंग्लैंड गए हुए थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details